उप चुनाव में भाजपा की हार के बाद सहयोगी दल भी दिखाने लगे आँखे

गाजीपुर- प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों के उप चुनाव में भाजपा की हार क्या हुई कि उसके सहयोगी दलों के भी स्वर तल्ख होने लगे हैं। सहयोगी पार्टी भासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर तो बड़ा बयान दे डाले। वह सपा, बसपा और कांग्रेस के ही खांचे में भाजपा को भी बैठा दिए। बोले- हमारे समाज(राजभर) के लोग दूसरी पार्टियों की रैली में न जाएं। भाजपा, कांग्रेस, सपा तथा बसपा की रैलियों से खुद को दूर रखें। सभी अमीरों का गरीब जनता बहिष्कार करे। उनका कहना था कि अति पिछड़ा, अति दलितों को सम्मान मिले। उनका यही उद्देश्य है। प्रदेश के सभी मंडलों में वह अपनी पार्टी की रैली कर रहे हैं। पार्टी समाज के हर वर्ग को जोड़ने का काम कर रही है। हर जाति के लोगों को वह अपने साथ खड़ा किए हैं। 70 साल की आजादी में गरीबों को कुछ नही मिला। गरीबों का राशन कार्ड तक नहीं बन पाया है। 27 फीसदी रिजर्वेशन में अलग से हिस्सा मिलना चाहिए। 27 फीसदी आरक्षण में हमें कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को आगे बढ़ना होगा। तभी उनको सम्मान मिलेगा। वह लोग डीएम, एसपी, सीडीओ बनें। तभी मान बढ़ेगा। आरक्षण का वर्गीकरण होने के बाद पूरा लाभ मिलेगा। श्री राजभर ने कहा कि अगर गरीबो का मुकदमा नही लिखा गया। उस दिन मंत्री पद छोड़ कर वह राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से सरकार की छुट्टी कर के ही दम लेंगे। हालांकि देखा जाए तो भाजपा और प्रदेश सरकार के खिलाफ भासपा अध्यक्ष का यह कोई पहला बयान नहीं है। सरकार गठन के कुछ बाद से ही उनकी जुबान इसी तरह चल रही है। इसको लेकर भाजपा का ऊपर का नेतृत्व किस अंदाज में ले रहा है। यह तो वही जाने लेकिन गाजीपुर के भाजपा कार्यकर्ता, नेता जरूर असहज होते रहते हैं। मालूम हो कि गाजीपुर की ही जहूराबाद सीट से निर्वाचित होकर ओमप्रकाश राजभर पहली बार विधानसभा में पहुंचे हैं। जहूराबाद क्षेत्र में प्रायः ऐसे सियासी, सामाजिक मौके आते रहते हैं जब भाजपा और भासपा आमने-सामने रहते हैं।

रिपोर्ट-:प्रदीप दुबे

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