उत्तराखण्ड ! ” NCERT” पाठ्यक्रम लागू करने पर शिक्षा मंत्री की वाहवाही

उत्तराखंड – प्राईवेट स्कूलाें
काे आपत्ति है NCERT की पुस्तकों के कारण स्पष्ट है, कि ये कुछ ऐसे पब्लिकेशन की पुस्तकें चाहते है, जो अभिवावकों की जेब पर डकैती डाल सके।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट आदेश दिया है ,कि सभी स्कूलों में NCERT की पुस्तको से पढ़ाया जायेगा, ये एक ऐसा आदेश है ,जिससे प्रदेश के लाखों अभिवावक स्कूलों की कुछ पब्लिकेशन की पुस्तको को पाठ्यक्रम में सम्मलित करने ,के नाम पर होने वाली संगठित लूट से बच सकते है।
पर ,सीना जोरी देखिये, उत्तराखंड के सभी निजी स्कूल आज से अनिश्चित कालीन स्कूल बंद कर NCERT की पुस्तकों के अनिवार्य किये जाने का विरोध कर रहे है।
8000 से 10000 रुपए तक की पुस्तकों के नाम पर होने वाली वसूली पर लगाम क्या लगी , सभी स्कूल लामबंद हो गए….
NCERT की पुस्तकें ही CBSC शिक्षा का पूर्ण आधार है, CBSC बोर्ड के प्रश्नपत्र भी इन्ही पुस्तको के आधार पर बनते है, NCERT की पुस्तकें सभी स्कूलों में समानता का संदेश भी देती है, सभी अभिवावक इस निर्णय में शिक्षा मंत्री जी के इन प्रयासों की प्रशंसा करते नज़र आते है।
राजनीतिक विरोधी भी गत वर्ष से शिक्षामंत्री के स्कूलों की मनमानी करने की प्रवत्ति पर रोक लगाने की प्रशंसा करते है, क्योंकि ये मुद्दा राजनीतिक नही है, ये सामाजिक मुद्दा है, ये देश के भविष्य निर्माण का मुद्दा है, ये वो मुद्दा है जो लाखो छात्रों और उनके अभिवावकों को प्रभावित करता है।
निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने के बाद भी, पुस्तको के नाम पर,होती लूट पर ,एक बार एडमिशन फीस भरने के बाद भी हर साल फिर से एडमिशन फीस लेने पर अब रोक लगी है।
आज से हुए स्कूल बंद का विरोध कीजिये, शिक्षा मंत्री के लिए गए निर्णयों के समर्थन कीजिये, ये आपके बच्चो के भविष्य का मुद्दा है, यदि आप सक्षम है,तो उन बच्चो के लिए आवाज़ उठाये जो स्कूलों की लूट को अफोर्ड नहीं कर सकते है।
पहली बार किसी शिक्षा मंत्री ने इन स्कूलों में शिक्षा सुधार के नियम अनिवार्य रूप से लागू करवाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है।
राजनीति किसी और मुद्दे पर कर लेना दोस्तो, आप सभी को हमारे प्रदेश के शिक्षा मंत्री,और हमारे गदरपुर के विधायक राजनीति करने के और बहुत से मुद्दे दे देंगे।
-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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