पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड- उत्तराखंड गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार, उत्तराखंड में रहने वाले दिनेश कुकरेती के पक्षी प्रेम और विलुप्त होती गोरैया की चिंता ने शुरू करवाई उनसे एक अनोखी पहल।
पेशे से अध्यापक दिनेश कुकरेती कोटद्वार में अपने घर और आसपास के लोगों को गौरेया के संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं और अपनी आमदनी का एक हिस्सा गोरैया का घर (प्लायवुड के घोंसले) बनाने में लगा रहे हैं साथ ही स्कूली बच्चों, अध्यापकों और आस पड़ोस के लोगों को भी इस मुहिम से जुड़ने के लिए निशुल्क में घोसले बनाकर भी दे रहे हैं।
दिनेश कुकरेती बीस साल से लगातार गोरैया के संरक्षण पर काम कर रहे हैं, शुरू-शुरू में दिनेश सालभर में 50 से 60 घोसले बनवाकर लगाते थे मगर धीरे-धीरे उन्होंने इन्हें स्वयं ही बनाना शुरू कर दिया और इसी क्रम में उन्होंने सन 2008 से प्रतिवर्ष 100 से 200 घोसलें बनाने और लगाने के लक्ष्य बनाया और अब तक दिनेश कुकरेती 6000 से ऊपर घोसलें बना चुके हैं जिन्हें उन्होंने विभिन्न घरों, स्कूलों, सामाजिक आयोजनों और पहाड़ी गाँवों में लगाया या बांटा है। इस साल का लक्ष्य उन्होंने 1046 घोसलें बनाने का रखा है जिसमें से 700 वह अब तक बना भी चुके हैं। ऐसे ही वर्ष 2019 के लिए उनका लक्ष्य 2000 घोसलें बनाने का अभी से निर्धारित कर दिया है। हाल ही में रिखणीखाल महोत्सव में अपनी शिरकत के दौरान भी दिनेश कुकरेती ने 54 घोसलें पर्यावरण प्रेमियों को मुफ्त बांटे थे और 21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर कोटद्वार योग शिवर में भी 50 घोसले प्रकृति और पर्यावरण प्रेमियों को बांटने जा रहे हैं।
दिनेश कुकरेती गौरैया के साथ-साथ रोबिन, हुदहुद, मैना और उल्लू के लिए भी नेस्ट बाक्स बनाते हैं।
-साभार सन्तोष ध्यानी
इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखं