उत्तराखंड:डॉक्टर के ख़िलाफ़ कार्यवाही की मांग को लेकर डीएम से मिला जन अधिकार मंच

डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मंच करेगा प्रदर्शन।
जिलाधिकारी ने बिठाई जांच, कल सुबह ज़िला चिकित्सालय में डीएम की अध्यक्षता में मामले की होगी जांच।

उत्तराखंड/ रुद्रप्रयाग – जिला चिकित्सालय में डॉक्टर की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला की मौत के मामले में जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। मंच ने जिलाधिकारी से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिये जाने की माँग की। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही न होने पर एक सप्ताह बाद धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जांच दल शुक्रवार को जिला चिकित्सालय में मामले की जांच करेगा। डीएम ने भी स्वीकार किया है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही से महिला की मौत हुई है।

इस मौके पर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए जन अधिकार मंच के सदस्यों ने कहा कि बीते तीन-चार जुलाई 2018 को जिला चिकित्सालय में डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला (आशा थपलियाल पत्नी सुभाष थपलियाल, निवासी कांडा, हाल महादेव मोहल्ला, पुनाड़ रुद्रप्रयाग) और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। जिला चिकित्सालय में अक्सर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। अक्सर डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ जाती है। जिला चिकित्सालय उपचार के नाम पर सिर्फ रेफर सेंटर बन गया है। यहां उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीज को जीवन मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी, महासचिव अशोक चौधरी, कोषाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ ममगाई, अधिवक्ता केपी ढोंडियाल, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णानंद डिमरी, अधिवक्ता प्यार सिंह नेगी, देवेंद्र चमोली, शैलेन्द्र गोस्वामी, रमेश नौटियाल, केशव नौटियाल, अशोक बुटोला, तरूण पंवार, विक्की कप्रवाण ने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक स्वस्थ महिला की जान चली गई है। यह गंभीर मामला है। परिजनों का कहना है कि गर्भवती महिला की सभी जांचें सामान्य थी। डॉक्टरों ने 3 जुलाई 2018 को देर रात करीब साढ़े दस बजे महिला की हालत नाजुक बताते हुए उसे श्रीनगर रेफर कर दिया। जहां पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया।

इस संबंध में महिला के परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को 4 जुलाई 2018 को दोषी डाॅक्टर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया है। जन अधिकार मंच ने डीएम से सुसंगत धाराओं में डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर प्रशासनिक कार्यवाही की माँग की। साथ ही पीड़ित परिवार को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उचित मुआवजा दिये जाने की भी माँग की।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी उनकी अध्यक्षता में जांच दल गठित कर दिया गया है। जांच दल में सीएमओ, डिप्टी सीएमओ, सीएमएस शामिल हैं। किसी अन्य चिकित्सालय के विशेषज्ञ डाॅक्टर को भी जांच दल में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जायेगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

– इंद्रजीत सिंह असवाल
पाैडी गढ़वाल उत्तराखंड

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