आस्था और विश्वास के प्रतीक है महाहर महादेव

गाजीपुर/ मरदह- आस्था और विश्वास का केंद्र है महाहर धाम शिव मंदिर जहां पूरे सावन माह में लाखों की संख्या में कवारियां व श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं।जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थानीय विकासखंड के सुलेमापुर देवकली गांव स्थित सिद्धपीठ शिवस्थली महाहर धाम भक्तों के लिए आस्था एवं विश्वास का एकमात्र केन्द्र है।इसकी एक अलग अपनी पहचान है।शिवस्थली के रूप में इसका नाम प्रमुखता से लिया जाता है।उत्तरी भाग पर स्थित इस धाम पर जहां महाशिवरात्रि पर भक्तों का रेला उमङता है।वही पूरे सावन माह मंदिर परिसर घंटों की आवाज से गुंजायमान रहता है।जहाँ पर एक तरफ पूरे पूर्वांचल के जिले सहित पड़ोसी राज्य के भी श्रद्धालु इस धाम पर पहुंचकर दर्शन पूजन कर बाबा भोलेनाथ से मन चाहा मुराद मांगते है।इस धाम कि ऐसी मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं।सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद भोले पूरी करते हैं।कहां जाता है कि इस धाम का निर्माण राजा दशरथ ने कराया था।यह महल दशरथ के गढ़ी के नाम से विख्यात है।वेदों व पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार श्रवण कुमार की यही पर राजा दशरथ के चलाए गए शब्दभेदी वाण से मृत्यु हो गई थी।धाम के दक्षिण तरफ श्रवणडीह नाम का गांव भी विद्यमान है,जहां पहले से बनाया गया श्रवण कुमार का मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है।धाम परिसर में शिव मंदिर के अलावा भगवान हनुमान,भैरव-बाबा,विश्वकर्मा भगवान,संत रविदास,भगवान ब्रम्हा की चार मुखी प्रतिमा,माँ दुर्गा की प्रतिमा,राधा-कृष्ण,राम – लक्ष्मण-जानकी,की प्रतिमा सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई है।तेरह मुखी मुख्य शिवलिंग के साथ ही शिव – पार्वती की युगल मूर्ति भी अद्भुत व पूजनीय है।मंदिर के सामने उत्तर से दक्षिण तरफ दिशा में एक किलोमीटर तक लम्बा सरोवर है,जहां हजारों वर्ष पहले इस स्थान पर माँ गंगा का प्रवाह था,जो अब पूरईन झील के रूप में रह गया है।सावन के प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक के लिए यहां कांवरियो का रेला उमङता है बाबा का आर्शीवाद पाने के लिए भक्तों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।महाशिवरात्री के अवसर पर चार दिन चलने वाले मेलों में दर्शनार्थियों सहित ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोगों द्वारा मेले का लुत्फ भी बढ़चढ़ कर ऊठाया जाता हैं।

गाजीपुर से प्रदीप दुबे की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।