*दशहरा महोत्सव के लिए रावण के पुतले बनाने में जुटे कारीगर
सहारनपुर- भारत आपसी भाईचारे का देश है। यहाँ पर सभी आपस में मिलजुलकर प्यार से रहते आये है, दुःख की घड़ी हो या खुशी का माहौल। सभी में हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे के साथ खड़े रहते है। भले ही कुछ राजनीतिक लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए हिन्दू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करते रहे हो, लेकिन यहाँ पर आपसी सौहार्द की जड़े इतनी गहरी है कि उन्हें उखाड़ना किसी के बस की बात नहीं है। इसकी बानगी अभी जिले भर में रामलीलाओं के मंचन दौरान देखी जा सकती है। विजयदशमी (दशहरा) के दिन रावण, मेघनाथ, कुम्भकर्ण के पुतले को बनाने वाले कारीगरों में अधिकांश मुस्लिम कारीगर है। बता दें कि गालिब रसूलपुर चौक, निकट रानी बाजार के रहने वाले शमशेर, आरिफ, गालिब पिछले काफी समय से ये पुतले बनाने का कार्य कर रहे है। इस बार इन्हे सहारनपुर की सुपर क्लब, नुमाईश कैम्प, रामलीला कमेटी, टीटू कालोनी, गोविन्द नगर सहित रामपुर मनिहारान की रामलीला कमेटी से पुतले बनाने का आर्डर मिले है और इसके अलावा ये पंजाब, हरियाणा, हिमाचल राज्यों में कई जगहो पर पुतले बनाने में इनका परिवार जुटा है। पुतले को अंतिम रूप देने में जुटे इसी परिवार के सुहैल बताते है कि हमारे परिवार के सदस्यों द्वारा पंजाब, हरियाणा में कई रामलीला कमेटियों में रावण के पैर सहित पुतले भी बनाये गये, जिसे वहां के आयोजको ने काफी पसंद किया। इसके लिए उन्हें कई बार पुरूस्कृत भी किया जा चुका है।
- सुधीर गुम्बर