आखिरकार निर्भया को मिला न्याय: तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाये गये चारों दोषी

नयी दिल्ली : तमाम कानूनी दांव पेंच भिड़ाकर कुछ समय तक सजा को टलवाने में कामयाब रहे निर्भया के दोषियों को आखिरकार फांसी पर लटका दिया गया। अंतिम समय तक दोषियों की फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका पिछली आधी रात को ठुकरा दी। जिसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई। उसके जाने के बाद हमने लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था और ये भविष्य में हमारी बेटियों के लिए जारी रहेगा। मैं बेटी की तस्वीर को गले लगाया और कहा कि आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिला।

निर्भया के गुनहगारों की फांसी के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है। चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 दरिदों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था।

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई, जिसके बाद जेल के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने आखिरकार दोषियों को फांसी दिए जाने के निश्चित समय पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया और ‘निर्भया जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आज एक उदाहरण सेट किया गया है मगर यह पहले किया जा सकता था। अब लोगों को पता है कि उन्हें सजा दी जाएगी, आप तारीख बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको सजा मिलकर रहेगी।

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