रिपब्लिक भारत के वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी की महाराष्ट्र सरकार द्वारा द्वेष भावना से गिरफ्तारी पत्रकारिता पर हमला है । यदि राज्य सरकार इसमे कामयाब रही और इसका पत्रकारो ने एकजुट होकर विरोध नही किया तो वह दिन दूर नही जब हर राज्य मे ऐसा होगा। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि किसी भी पत्रकार की गिरफ्तारी से पहले प्रेस काउंसिल के संज्ञान मे यह प्रकरण महाराष्ट्र सरकार को लाना चाहिए था लेकिन ऐसा नही हुआ। यदि इसी तरह पत्रकारिता का गला घोंटा जाता रहा तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अस्तित्व ही खतरे मे आ जायेगा।
आज देश की पत्रकारिता को पत्रकार सुरक्षा कानून की जरूरत है कल शाम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले मे भी जन टीवी के पत्रकार कपिल धीमान पर भी अज्ञात हमलावरो ने जानलेवा हमला किया।अब पत्रकारो पर मुकदमे और हमले देश मे आम होते जा रहे है ।जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया केन्द्र सरकार से मांग करती है कि जल्द ही देश मे एक मीडिया आयोग का गठन हो और पत्रकार की गिरफ्तारी से पहले राज्य सरकार आयोग के संज्ञान मे प्रकरण को लाये और आयोग की अनुमति के बाद ही पत्रकार की गिरफ्तारी हो ।