•फिंगरप्रिंट औऱ चेहरे की पहचान संबंधी डाटा को केंद्रीय प्रणाली से जोड़ने की योजना बना रही सरकार।
लखनऊ/दिल्ली -अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए अब केंद्र सरकार भी कमर कसने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार अपराधियों की धर-पकड़ के लिए देश के सभी थानों में फिंगरप्रिंट औऱ चेहरे की पहचान संबंधी डाटा को केंद्रीय प्रणाली से जोड़ने की योजना बना रहा है। अपराधियों के रिकॉर्ड को ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम शुरु हो गया है। इस सिस्टम के जरिए चेहरा पहचान प्रणाली औऱ आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग करने का प्रावधान है।
अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी:-
केंद्र की इस योजना से एक तरफ अपराधियों पर पुलिस की पकड़ बढ़ने के साथ ही अपराध जांच क्षमता को बढ़ावा देगा। इस सिस्टम के शुरु हो जाने से कोई भी व्यक्ति फर्जी आईडी से देश से बाहर नहीं जा सकेगा। केंद्र की इस योजना का लक्ष्य देशभर के सभी पुलिस थानों को सभी अपराधों और आपराधिक डाटा के साथ जोड़ने का है।
देशभर के 14 हजार से ज्यादा थानों को जोड़ने की योजना:-
बताया जा रहा है कि आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम का पहला चरण पूरा होने के करीब है। इसके तहत देश भर में 15,500 पुलिस थानों में से 14,500 थानों को जोड़ा जाएगा। इस मामले में विभिन्न प्रशासनिक कारणों से केवल बिहार ही सबसे पीछे है। यहां करीब 850 पुलिस थानों को ही अब तक आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम जोड़ा गया है।
अमेरिका में इसी डेटाबेस का हो रहा इस्तेमाल:-
गौरतलब है कि अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई इसी डाटाबेस का इस्तेमाल कर रही है।भारत की सेंट्रल फिंगरप्रिंट ब्यूरो (सीएफपीबी) के डाटाबेस में फिलहाल 10 लाख फिंगरप्रिंट ही मौजूद हैं। गृह मंत्रालय राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो के साथ मिलकर डाटाबेस को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।