अधिकारीयों द्वारा लापरवाही बरतने के आकड़ों के साथ ही जुर्माना कोष में हो रही वृद्धि : नारायण बारेठ

बाड़मेर /राजस्थान- राज्य सूचना आयोग ने सूचनाएं उपलब्ध कराने के आवेदनों के प्रति जानबूझकर उपेक्षा भाव दिखाने वाले नगरीय विकास अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की है। आयोग ने ऐसे सात मामलों में लापरवाह अधिकारियों पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। इनमे तीन मामले बीकानेर नगर विकास न्यास के है। आयोग ने अपने आदेशों की प्रतियां कार्मिक विभाग को भेजने का निर्देश दिया है। इन मामलों में सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा लम्बे समय तक नागरिकों के सूचना आवेदनों की जानबूझकर अनदेखी करना संसद द्वारा पारित कानून की अवज्ञा है। आयोग ने संगरिया नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। आयोग के सम्मुख एक नागरिक विनोद कुमार ने सूचना देने में कोताही बरतने पर नगर पालिका के विरुद्ध शिकायत की थी। वे कोई दो साल से सूचनाओं के लिए इंतजार कर रहे है। इस पर आयोग ने पालिका प्रशासन को सूचना मुहैया कराने की हिदायत दी है l

आयोग ने दो अलग अलग मामलों में बीकानेर जिले में श्री डूंगरगढ़ नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर पांच पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित करने का निर्देश दिया है। आयोग ने सूरतगढ़ नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर सूचना अधिकार कानून की अवहेलना करने पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है l इस मामले में एक स्थानीय नागरिक परविंदर कुमार ने आयोग में अपील दाखिल कर कहा आवेदन के ढाई साल गुजरने के बाद भी वे सूचनाओं से महरूम है।

सूचना आयुक्त बारेठ ने बीकानेर नगर विकास न्यास सचिव पर तीन अलग अलग मामलों में पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। इन तीनो ही मामलों में कई बार अवसर देने के बाद भी न्यास ने न तो कोई जवाब दिया ,न हीं सूचनाएं उपलब्ध करवाई l इस पर आयोग ने गहरी नाराजगी जाहिर की। आयोग ने इन मामलों में न्यास से कहा है कि वो इन तीनों मामलों में आवेदकों को रिकॉर्ड का अवलोकन कराएं और सूचना के अधिकार कानून की पालना करे। इनमे एक मामला वर्ष 2018 से लंबित था।

आयोग ने अपने आदेश की प्रति कार्मिक विभाग के शासन सचिव को भेजने का निर्देश दिया है।आयोग के आदेश के अनुसार जुर्माने की राशि अधिकारियों के वेतन से काटी जाएगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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