श्रावस्ती। हिमालय की तलहटी में स्थित पांडव कालीन बाबा विभूतिनाथ (गुप्त काशी) शिवभक्तों के आस्था व विश्वाश का केन्द्र माना जाता रहा है।सावन के पहले सोमवार को हजारो महिलाओ पुरुषों की हुजूम भोर से ही गंगा स्नान कर गंगा जल, बेल पत्र, पुष्प, भांग, धतूर, शहद आदि के साथ कतार बद्ध होकर पूरे परिसर को भूत भावन भोले नाथ के गगगन भेदी जयकारों से गुंजायमान करते रहे।भीड़ एकत्र न होने पाए आश्रम की ओर से भोले शिव का पूजन अर्चन कर मन्दिर के कपाट को सुबह पांच बजे ही खोल दिए गए थे कपाट खुलते ही शिव भक्तों ने जलाभिषेक कर मनोवांछित फल पाने की कामना की। आश्रम की ओर से सेनिटाइजर की भी व्यवस्था की गयी थी। सुरक्षा के दृष्ट से महिला व पुलिस कर्मियों की तैनाती व्यवस्था का जायजा लेने कप्तान भी मौके पर पहुचे।
अंकुर मिश्र श्रावस्ती