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रामगंगा मेला: हर ओर आस्था और उल्लास का संगम, आज लगाएंगे श्रद्धालु आस्था की डुबकी

बरेली। कार्तिक पूर्णिमा पर लगा रामगंगा मेला आस्था उल्लास का संगम नजर आने लगा है। बुधवार की देर रात से श्रद्वालुओं की भीड़ मेले की और रूख करती रही। श्रद्वालु गंगा में स्नान कर पुण्य कमाने के लिए इस कदर उल्लास में भरे है कि उन्होंने घर और खेतीबाड़ी की चिंता छोड़ दी है। मन में गंगा मैया के दर्शन और प्रतिदिन पुण्य कमाने की लालसा लेकर आस्था का समुद्र रामगंगा की तरफ बढ़ रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके लिए बृहस्पतिवार से श्रद्धालु मेला में पहुंचने लगे। सदियों से लगता आ रहा रामगंगा मेला आस्था, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। इसलिए दूरदराज के श्रद्वालु पतित पावनी में सूर्य की किरण निकलने से पहले ही स्नान कर पुण्य कमाने के लिए रामगंगा घाट पर डेरा डाल देते है। इस समय गेहूं की चुबाई के लिए गन्ने की फसल काट होत खाली करने है, लेकिन रामगंगा मेले के उल्लास में डूबे श्रद्वालुओं ने घर और खेतीबाड़ी की चिंता त्याग दी है। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए रामगंगा मेले का रूख कर दिया है। मन मे एक ही लालसा है कि रोज गंगा मैया में स्नान कर पुण्य कमायेगें। इसी लालसा को लेकर श्रद्धालु देर रात से विभिन्न साधनों से रामगंगा मेले के लिए कूच कर रहे है। दरअसल कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुक्रवार को श्रद्धालु रामगंगा में डुबकी लगाकर विशेष पूजा-अर्चना करेगें। हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे धर्म, आस्था और पवित्रता का पर्व माना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के अंतिम दिन आता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों ओर सरोवरों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति का अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इसी मान्यता के चलते हजारों श्रद्धालु इस दिन रामगंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करेगें। इस दिन दान और तप का विशेष महत्त्व होता है। जिला प्रशासन द्वारा 12 साल बाद अंगूरी घाट पर श्रद्वालु गंगा स्नान करेगें। हालांकि अद्धालु पुराने घाट पर ही गंगा स्नान करने पहुंचते है, इस बार मेला प्रशासन द्वारा अंगूरी घाट पर स्नान करने की व्यवस्था की गई है। रामगंगा मे नखासा पूरी तरह सज चुका है। जिसमें पंजाब, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के लोग अपने घोड़े बेचने व खरीद करने पहुच चुके है। खरीददार घोड़ा खरीदने से पहले उस पर घुडसवारी करते देखते गये। वही पशुओं के साज सज्जा का सामान बेचने वालो का कहना है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार काफी अच्छी बिक्री हो रही है। मेला प्रबंधक जयवीर सिंह ने चताया कि घाटों पर साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का विशेय ध्यान रखा जा रहा है। रामगंगा घाट पर बड़े पैमाने पर भक्तों के आगमन की संभावना को देखते हुये प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये है। कई श्रद्वालु इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का यान करते है, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांत्ति बने रहे। इस दिन चाहम्ण भोजन और गरीबों की सेवा करने की परंपरा भी निभाई जाती है। महिलाओं को गंगा स्नान के बाद अस्त्र बदलने के लिए 120 चेजिंग अस्थाई रूम तैयार किये है। रामगंगा चौकी प्रभारी धमेन्द्र सिंह ने बताया कि रामगंगा मेला परिसर में 8 बाच टावर, 500 पुलिस कमर्मी, एक प्लाटून पीएसी, 20 गोताखोर, एक प्लाटून पीएसी स्वचालित नाव सहित गोताखोर व 14 खोया-पाया केन्द्र बनाये गये है। वही खुरापातियों पर पैनी नजर रखने के लिए एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जा चुके है।।

बरेली से कपिल यादव

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