राजस्थान में विकास व भाजपा का एकमात्र चेहरा है वसुंधरा राजे : कागा

बाड़मेर /राजस्थान- वर्ष 2003 में जब राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देश का नंबर एक मुख्यमंत्री होने का खिताब दिया जा रहा था, उस दौर में अशोक गहलोत की जादुई सियासी ताकत को चुनौती देना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा था, ऐसे में भैरोसिंह शेखावत की राय अनुसार प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जसवंतसिंह की दूरदर्शिता ने केन्द्रीय मंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया को राजस्थान जीतने के लिए स्वतंत्र कमान सौंपी थी।

राजस्थान में मतदाताओं का ध्रुवीकरण और स्विंग वोटिंग की ताकत रखने वाली वसुंधरा राजे ने अपनी राजसी नेतृत्व क्षमता के दम पर न केवल पार्टी को एकजुट किया बल्कि नंबर वन का तमगा पहने हुए 157 विधायकों वाली राज्य की गहलोत सरकार को उखाड़़कर प्रचण्ड बहुमत के साथ भाजपा की सत्ता कायम की थी यह बताते हुए चौहटन पूर्व विधायक तरुण राय कागा ने स्पष्ट किया कि 2003 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सरकार बनाने के बाद अपने कुशल नेतृत्व के साथ वसुन्धरा राजे ने सरकार और संगठन के साथ बेहतरीन समन्वयन कायम करते हुए राजस्थान के चहुमुंखी विकास को नए पंख लगाए।

वर्ष 2008 में राज्य में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद राजे के नेतृत्व में वापस सत्ता में लौट रही भाजपा को जोधपुर और चित्तौड़ संभागों में अपनों ने ही भीतरघात कर नुकसान पहुंचाया। वसुन्धरा राजे ने पुनः सत्ता में आई गहलोत सरकार के विरोधी पक्ष में बैठकर विकास को गतिशील बनाए रखने एवं जनता की आवाज बनकर विधानसभा में भाजपा का दबदबा बनाए रखा।

कुशल नेतृत्व की धनी और सबको साथ लेकर चलने वाली एकमात्र वसुन्धरा पर केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताकर 2013 के चुनावों में राजस्थान की बागडोर सुपुर्द की, इस चुनाव में भी उसी आक्रामकता के साथ वसुन्धरा गहलोत सरकार को मात्र 20 सीटों पर समेट कर सत्ताच्युत करते हुए राज्य की जनता का विश्वास जीता तथा भाजपा को सत्तारूढ़ किया।

2018 के चुनाव में भाजपा की वापसी को भी टिकट बंटवारे में हुए दबावपूर्ण पक्षपात व अयोग्य उम्मीदवारों को टिकट मिलने के कारण भाजपा की वापसी नहीं हो सकी, बावजूद इसके वसुंधरा राजे के ही दम पर 85 सीटें जीतकर सत्ता के निकट पहुंचाया, कांग्रेस को निर्दलीयों के भरोसे लंगड़ी सरकार बनानी पड़ी। कागा के अनुसार अब हमें 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसनी है, भाजपा में नेतृत्व की तलाश मात्र अटकलें है, वसुन्धरा राजे सिंधिया आज भी जोश और जुनून के साथ चुनावी रण जीतने के लिए पार्टी का एकमात्र सशक्त चेहरा है। वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में विश्वास रखने वाली राजस्थान की जनता आज भी अपने अधूरे सपनों को वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में ही पूरा होते देखना चाहती है।

– राजस्थान से राजू चारण

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