बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कोरोना के कारण दो साल बाद ताजियों का जुलूस निकला। या हुसैन की सदाओं के साथ मातमी जुलूस निकाला। इस जुलूस मे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद मे नारा लगाते हुए मातम करने लगे। सुरक्षा के मद्देनजर मे पुलिस बल तैनात रहा। कस्बे के पुराने तीन तख्त ताजिये में से एक बीच का मोहल्ला वाला ताजिया जुमेरात को उठाया गया। मोहर्रम की पहली जुमेरात को उठने वाला बीच का मोहल्ला तख़्त जुमेरात को अपनी पूर्व परम्परा के मुताबिक इमामवाड़े से निकाला गया। तख्त बीच का मोहल्ला इमामबाड़े से निकलने के बाद अंसारी मोहल्ला सहित बस्ती मे निकला। जुमे शुक्रवार को बापस इमामबाड़े में पहुंचता है। यह ताजिया कस्वे के उन तीन प्रमुख और पुराने ताजियों में है जोकि बहुत पुराने तख्त ताजिए हुआ करते थे। पुराने समय मे तीन प्रमुख ताजिये अगवाड़ा मोहल्ला, बीच का मोहल्ला और पिछौड़ा मोहल्ला हुआ करते थे लेकिन वर्तमान मे हर मोहल्ले मे तख्त ताजिए उठते है। मोहर्रम की नौ तारीख एवं दस तारीख को भारी भीड़ भाड़ रहती है। इसके अलावा ग्राम अगरास मे सात तारीख को मेहंदी में भीड़ भाड़ रहती है। इस दौरान एडवोकेट इमरान अंसारी, मुराद अली, आरिफ प्रधान, बब्बू चौकड़ात, राशिद अंसारी, असद हुसैनी आदि तमाम लोग व्यवस्था मे लगे रहे। सुरक्षा के मद्देनजर चौकी प्रभारी ललित कुमार दल वल के साथ मुस्तैद रहे।।
बरेली से कपिल यादव