बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी एक बयान मे कहा कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के गठन का मकसद शरीयत के वसूलो की रक्षा करना और मुसलमानो के धार्मिक मसाइल के हल के लिए काम करना था मगर बोर्ड अपने असल मकसद से भटक गया। बमुसलमानों की शरई नुमाइंदगी करने के बजाय राजनीतिक मामलात मे ज्यादा दिलचस्पी लेने लगा। मौलाना ने जानकारी देते हुए कहा कि बोर्ड की कार्यकारणी बैठक शनिवार को इंदौर शहर (मध्यप्रदेश) में होने जा रही है। जिसमें बोर्ड के अध्यक्ष तय होना है और किसी आलीम के नाम का ऐलान हो जाएगा। दरअसल गत दिनों बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी का देहांत हो चुका था जिनकी जगह भरी जानी है। मौलाना ने अपने बयान मे कहा कि जिस दिन से बोर्ड की स्थापना हुई है उस दिन से लेकर आज तक एक ही विचारधारा (देवबंदी) के लोगों का बोर्ड पर कब्जा रहा और अध्यक्ष रहे। जबकि बोर्ड के संविधान में ये लिखा हुआ है की देश के हर विचारधारा के व्यक्तियों को नुमाइंदगी दी जाएगी। मगर ऐसा कुछ नही हुआ। मेरा कहना है कि भारत मे मुसलमानों की कुल आबादी में 70 फीसद सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमानों की आबादी है इसलिए किसी बरेलवी आलीम को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाए।।
बरेली से कपिल यादव