*आंसू बहाते हुए लोगों ने दी अंतिम विदाई।
*मझौलिया के अंबेडकर अधिवक्ता हीरालाल हजरा
*अंतिम दर्शन में लोगों ने सोशल डिसटेसिंग का रखा पूरा ख्याल।
बिहार/मझौलिया- जिला परिषद क्षेत्र संख्या 41 के पूर्व जिला पार्षद लालमति देवी के पति ,वरीय अधिवक्ता तथा भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के सदस्य , मझौलिया प्रखंड के लोजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष हीरा लाल हाजरा की अंत्येष्टि में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। लेकिन लोगों ने सोशल डिस्टेसिग का पूरी तरह पालन किया। अधिवक्ता हीरालाल हजरा केअसामयिक मृत्यु महज जंगें ऐलान तक रह गया। बताते है कि इस लड़ाई कि घोषणा के बाद सुगर बीमारी के चलते उनकी तबीयत बिगड़ी।इलाज हुआ तथा ठीक हो गये। बेतिया कोर्ट में अधिवक्ता का कार्य भी करने लगें। इधर लॉक डाउन होने के कारण प्रतिदिन कोर्ट में पहुंच कर विभिन्न न्यायालयों में जाने आने से सुगर कम के वजाय घर पर सोने रहने से इस बिमारी में इतनी वृद्धि हुई कि इस दुनियां से गरीबों के मसीहा हीरालाल सर्वदा के लिए अलविदा हो गये। बचपन से लेकर अधिवक्ता तक एक साथ रहकर दोस्ती निभाने वाले उनके यार आशिक अंसारी ने बताया कि हीरालाल ने मझौलिया प्रखंड को कौन कहे दुसरे प्रखंडों से आये एक दर्जन से अधिक वैसे असहाय महिलाओं के प्रताड़ना की मुकदमा निशुल्क लड़ते थे। जिसमें बहुत को मुकदमा कि डिग्री दिलवाकर घर बसा दिया था।या फिर उनका हक दिलवा दिया था। बताते है कि उन्हें किसी गरीब पर अत्याचार वर्दाश्त नहीं था। उसके लडाई को अपनी लडाई समझकर लडना शुरू कर दिया करते थे।उनके मौत से आज वैसे असहाय महिलाओं के न्याय दिलाने वाली रस्सी कुएं से पानी निकाले वगैर मध्य रास्ते में ही टूट गई। हालांकि उनके जीवनी दोस्त अधिवक्ता आशिक अंसारी ने कहा कि यार के रास्ते पर चलने का संकल्प ले रहे है। उनके वादे को पूरा करेंगे। उनके इस असामायिक निधन से मझौलिया के सभी पत्रकारों सहित डॉ एस टी नबी, डॉक्टर शमीम अख्तर , डॉ साबिर अली सहित बुद्धिजीवीयो और सामाजिक कार्यकर्ताओं में काफी सदमा पहुंचा है। स्वर्गीय हजरा के पार्थिव शरीर के दाह संस्कार में भीड़ उमड़ी लेकिन सबने आंसू तो अवश्य बहाया लेकिन देश भक्ति का परिचय देते हुए सबने सोशल डिस्टेंसिग का पालन किया। स्वर्गीय हजरा के पुत्र सत्यप्रकाश ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सारा आलम रो रहा था।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट