बरेली। मंगलवार को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) 2023 का अंतिम परिणाम जारी हुआ। इसमे शहर के राजेंद्र नगर निवासी शोहम टीबडेवाल ने दूसरे प्रयास में 77वीं रैंक प्राप्त कर जिले का मान बढ़ाया है। शोहम का चयन आईएएस सेवा को हुआ है। परीक्षा परिणाम आते ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। शोहम फिलहाल दिल्ली मे है और बुधवार को अपने घर राजेंद्र नगर पहुंचेंगे। शोहम को सुडोकू खेलना व खाटू श्याम की सेवा करना पसंद है। शहर के राजेंद्र नगर निवासी शोहम टीबडेवाल के पिता अनुपम टीबडेवाल ट्रांसपोर्टर हैं। माता सीमा गृहिणी हैं। शोहम ने बताया कि उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई शहर के सेंट फ्रॉन्सिस और इंटरमीडिएट शहर के ही वुडरो स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक किया। पढ़ाई के बाद 2019 से 2020 तक शोहम ने गुरुग्राम में पीडब्ल्यूसी में कंसल्टेंट के पद पर नौकरी की। नौकरी के दौरान ही मन में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने की ठान ली और नौकरी छोड़कर सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। शोहम ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई व सेल्फ स्टडी के साथ ही एक आईएएस कोचिंग के डॉ.केबी त्रिपाठी के गाइडेंस में तैयारी की। इस दौरान माता-पिता ने भी पूरा सहयोग किया। यूपीएससी 2022 की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता मिली लेकिन उसमें उनका नाम रिजर्व लिस्ट मे था। उनका चयन आईआरएमएस मे हुआ था। लखनऊ स्थित रेलवे इंस्टीट्यूट में ज्वाइन कर तैयारी को छुट्टी ले ली और फिर से पढ़ाई शुरू की। इस बार (दूसरे प्रयास) 77वीं रैंक हासिल कर परिवार का शोहम ने मान बढ़ाया है। सोहम ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजन व माता-पिता को दिया है। इसके अलावा बहेड़ी निवासी इंजीनियर निर्देश गंगवार ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है। निर्देश को 360वीं रैंक प्राप्त हुई है। दो विफलताओं के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। उनकी इस सफलता पर परिवार में जश्न का माहौल है। बहेड़ी की केशवपुरम कॉलोनी निवासी निर्देश के पिता अशोक कुमार गंगवार एमजीएम इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। मां निर्मला हाउस वाइफ हैं। गंगवार परिवार के लिए मंगलवार का दिन खुशियां लेकर आया। यूपीएससी का रिजल्ट घोषित होते ही परिवार में जश्न शुरू हो गया। तीसरे प्रयास में उनके लाड़ले ने यूपीएससी में सफलता पा ली। निर्देश ने वर्ष 2013 में नैनी कॉन्वेंट नैनीताल से दसवीं की परीक्षा पास की थी। दसवीं में उनके 10 सीजीपीए आए थे। इसी स्कूल से 2015 में इंटर की परीक्षा 91 फीसदी अंकों के साथ पास की। पीसीएम के छात्र निर्वेश ने 2020 में आईआईटी बीएचयू से बीटेक माइनिंग की डिग्री ली। बीटेक के अंतिम वर्ष से ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। वही शहर के महानगर निवासी यश वर्धन सिंह ने पहले प्रयास में 571वीं रैंक हासिल की है। उनकी मां अर्चना चौहान बालाजी इंटर कॉलेज बीसलपुर में प्रधानाचार्य हैं। वहीं पिता डॉ. रविशरण सिंह चौहान जय नारायण इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। यश वर्धन सिंह ने दिल्ली के करोल बाग में रहकर तैयारी की है। उनकी सफलता पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
बरेली से कपिल यादव