वाराणसी- बनारस के नागरिकों और बीएचयू के छात्रों की ओर से आजाद पार्क लहुराबीर में सभा करके यह संकल्प लिया गया कि जब तक शासन-प्रशासन की ओर से सांड़ों-बंदरों-आवारा कुत्तों के आतंक पर रोक लगाने के लिए कारगर पहल नहीं ली जाती और सांड़ के हमले से हुई बीएचयू की छात्रा निधि यादव की मौत के जिम्मेवार अधिकारियों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होता; `बनारस की बेटी को इंसाफ़ दो अभियान’ जारी रहेगा|
सभा को संबोधित करते हुए बीएचयू के पूर्व छात्रनेता सुनील यादव ने कहा कि बनारस को `स्मार्ट सिटी’ बनाने का जुमला उछाला गया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बनारस `सांड़ सिटी’ में तब्दील होता जा रहा है| सांड़ों-बंदरों-आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिकों का जीना मुहाल हो गया है| बीएचयू की छात्रा निधि यादव की मौत कोई दुर्घटना नहीं है| पिछले कुछ समय से गोवंश के नाम पर जिस तरह की राजनीति चल रही है; उसके चलते गाँव से लेकर शहर तक आवारा पशुओं का आतंक व्याप्त है| छुट्टा सांड़ों के हमलों के चलते आये दिन लोग चोटिल हो रहे हैं| ऐसे में जवाबदेही तय करने के लिए जरुरी है कि आवारा पशुओं को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो चुके अधिकारियों पर निधि यादव की मौत के मामले में गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज हो; खून की होली खेल रहे सांड़ों पर लगाम लगाने की दिशा में यह पहला कदम होगा|
सभा को संबोधित करते हुए महिला संगठन `एपवा’ की नेता कुसुम वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारे का शोर है; लेकिन बनारस की बेटी निधि की मौत के हफ्ता भर बाद भी इंसाफ़ दिलाने की दिशा में; शासन-प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हुई| 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर `एपवा’ इस मुद्दे को मजबूती से उठाएगी|
सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक नेता डॉ. राजेश कुमार यादव ने कहा कि जनसमस्याओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, लेकिन निधि यादव की मर्माहत कर देने वाली मौत; बनारस के आंदोलनकारी मिजाज को झकझोरने का जरिया बन सकती है|
संकल्प सभा में कुलदीप मीणा (शोधछात्र बीएचयू), रविन्द्र भारतीय (SC/ST/OBC संघर्ष समिति), बबलू मौर्य (शहीद भगत सिंह यूथ ब्रिगेड), अशोक कुमार वर्मा (अर्जक संघ), एसपी राय (भगत सिंह-आम्बेडकर विचार मंच), देवराज (सामाजिक कार्यकर्ता), रामजनम (किसान नेता), राजेश अहीर (सामाजिक कार्यकर्ता), उमेश मौर्य (सामाजिक कार्यकर्ता), रामखेलावन राजभर (सामाजिक कार्यकर्ता), राजकुमार गुप्ता (सामाजिक कार्यकर्ता), भुवाल यादव (बीएचयू), मिथिलेश गौतम (काशी विद्यापीठ), हाजी इश्तियाक (सामाजिक कार्यकर्ता),विकाश राय, हरेंद्र कुमार, सहित अन्य कई जनसंगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
रिपोर्ट- महेश कुमार राय, वाराणसी