बरेली। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इस बार मुस्लिम समुदाय के त्योहार ईद तो फीकी रही ही थी, अब बकरीद के भी फीका रहने के आसर दिख रहे है। कोरोना संक्रमण ने बकरीद का उल्लास भी कर कर दिया है। बकरों के दाम लोगों की पहुंच से दूर हो गए है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों मे लगने वाली बकरा मंडियों में महंगाई छा गई है। इस कारण तमाम लोग गली-मुहल्लों में बकरे बेचते दिख रहे हैं, लेकिन यह भी आम आदमी से दूर है। मुल्क मे 21 जुलाई को बकरीद मनेगी। यह त्योहार तीन दिन चलता है। सक्षम लोग इस दिन कुर्बानी भी करते हैं। इसके लिए लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना संक्रमण के कारण आम आदमी की पहुंच से बकरे दूर हो गए है। पिछली बार की तरह इस बार भी शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजार पूरी क्षमता से नही लग पाया है। वहां जो विक्रेता पशुओं को ला रहे हैं, उनके दाम आसमान छू रहे है। इस कारण खरीदार नहीं पहुंच पा रहे है। ऐसे मे पशु विक्रेताओं ने गली – मोहल्लों में बिक्री शुरू कर दी है। पुराना शहर के मोहल्ला काजी टोला निवासी कासिम अली, शकील खान ने बताया कि कोरोना के कारण बाजार जाने से बच रहे हैं। मोहल्ले मे ही जो विक्रेता आ रहे है।उनसे ही लोग बकरे खरीद रहे हैं। पशु विक्रेता इरफान, निसार कुरैशी ने बताया कि पिछले साल बहुत नुकसान हुआ था। इस बार भी बकरे के दाम काफी कम है। इसलिए लोग मंडियों में नही जा रहे हैं। इस कारण मोहल्लों में बेचने पड़ रहे हैं। दस हजार से कम मे भी बकरा बेचना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बकरों पर उर्दू मे अल्लाह, मुहम्मद लिखा होने पर उसकी डिमांड काफी अधिक है। ऐसे बकरों की लोग बोली लगा रहे है।।
बरेली से कपिल यादव