बरेली। 10 साल पूर्व हुए शहर के चर्चित प्रियांगी हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोषी इमरान को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्या के बाद जब से इमरान पकड़ा गया है तबसे जेल में ही है। थाना प्रेमनगर के शास्त्रीनगर निवासी राजेश गंगवार की बीएड पास बेटी प्रियांगी 5 नवंबर 2014 को दवा लेने घर से निकली थी। इसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल सका। पिता की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन की। इसके बाद पुलिस ने तिलियापुर गांव के इमरान खां को पकड़ा। पहले तो इमरान पुलिस को गुमराह करता रहा, जिस पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पिता राजेश गंगवार के आरोपी को पकड़ने की मांग पर प्रेमनगर पुलिस ने दोबारा इमरान को पकड़कर छानबीन की। इसके बाद इमरान के खिलाफ साक्ष्य मिले। जिस पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। सख्ती करने पर प्रियांगी के आत्महत्या करने की बात कहते हुए प्रियांगी की लाश को किला नदी के पास बिलवा पुल किनारे एक गड्ढे से बरामद कराया। पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि प्रियांगी की गला दबाकर हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस की तरफ से इमरान के भाई सलमान, दोस्त अकील उर्फ गुड्डू, मोहम्मद अहमद को भी आरोपी बनाया गया था। अदालत ने साक्ष्य व गवाहों के आधार पर इमरान को दोषी करार दिया जबकि चारों सह आरोपियों को बरी कर दिया। बुधवार को इमरान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस दौरान इमरान अदालत में कटघरे में ही मौजूद रहा। सजा सुनते ही उसके चेहरे पर पसीना आ गया। प्रियांगी के पिता राजेश गंगवार ने बताया कि मुकदमे में उन्होंने व उनकी पत्नी ने गवाही दी। पुलिस ने पहले इमरान को पकड़कर छोड़ दिया था लेकिन जब बाद में अधिकारियों से शिकायत की तब उसे दोबारा पकड़ा। इसी इमरान ने लाश बरामद कराई। राजेश ने कहा कि मुख्य आरोपी को सजा मिली इससे संतुष्टि है लेकिन साथियों के बचने का मलाल रहेगा।।
बरेली से कपिल यादव