कटिहार/बिहार- आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के बुलाबे पर तहफ्फुजे शरियत कमेटी के संयोजक इशरत परवीन नेतृत्व में आज कटिहार के मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतरकर बिल का विरोध में जुलुस निकाले । कटिहार के नगर भवन में मुस्लिम महिलायों की जमावड़ा लगा उसके बाद ये एक जुलुस में बदल गयी और ये जिला समाहरणालय के ओर चल पड़ी। इस जुलुस के दौरान महिलाएं तरह तरह के पट्टिकाओ और बैनर हाथ में लेकर नारे लगाते हुए चल रहीं थी । इस जुलुस को सफल बनाने के लिए कई मुस्लिम व राजनीतिक संगठनों के लोग भी हाथ बंटा रहे थे। समाहरणालय में इनके द्वारा जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा को एक ज्ञापन दिए जो राष्ट्रपति को संबोधित था ।
तहफ्फुजे शरियत कमेटी के संयोजक इशरत परवीन ने कहा कि यह बिल न केवल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है, बल्कि बच्चों व पुरुषों के भी खिलाफ है। इस कानून में कुछ ऐसे नियम है जो इस समाज के पुरुषों पर लगता है और इसे जेल में डाल दिया जाएगा। इससे पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगी। इसका सीधा प्रभाव उनके बच्चों पर भी पड़ेगा। केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए वक्ताओं ने कहा कि वे लोग पूरी तरह शरिया कानून के साथ हैं। शरिया कानून के बारे में बताते हुए कहा गया की शरिया कानून महिलाओं पर किसी भी प्रकार की ज्यादती करने की इजाजत नहीं देता है। इसे वे कतई स्वीकार नहीं करेंगी। यह विरोध की शुरुआत है तहसीन फातिमा ने कहा कि बिल लाने से पहले मुस्लिम बुद्धिजीवी और धार्मिक गुरुओं के साथ इस मसले पर विचार-विमर्श जरुरी थी, मगर सरकार ने जल्दबाजी में बिल पेश कर दिया। इसका विरोध वे लोग करती हैं। इससे पूर्व सभा में भी महिलाओं ने इसका जमकर विरोध किया। इस मौके पर काफी तादाद में महिलाएं मौजूद थी।
इस जुलुस को पुरुषो द्वारा घेरेबंदी में चलाया गया । जुलुस में काफी महिलाये ग्रामीण क्षेत्र से आयी थी जिसके लिए खाने पीने का इंतजाम भी किया गया था । हालाँकि देखा जाय तो इन जुलुस में ग्रामीण क्षेत्र से आयी महिलाओ के साथ उनके छोटे छोटे बच्चो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । तीन तलाक के विरोध की ये शुरुआत भर है आगे आगे ये और विकराल रूप ले सकता है ।
इस जुलुस के कारण आज कटिहार में जाम की स्थिति बनी रही। शहर की यातायात व्यवस्थित करने में प्रशासन को काफी मशक्त करनी पड़ी।आने जाने वाले राहगीरों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
– गीता कुमारी की रिपोर्ट ,कटिहार