बरेली। जनपद के तीन एडीजीसी अपने काम मे लापरवाही बरत रहे थे। इसकी वजह से नन्हें लंगड़ा जैसे स्मैक तस्कर आसानी से दोषमुक्त हो जा रहे थे। स्मैक तस्करों और पाक्सो के मुकदमे लगातार कोर्ट से छूट रहे थे। इसको लेकर डीएम रविंद्र कुमार ने पिछले दिनों काफी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने एडीजीसी को हटाने के लिए शासन को संस्तुति रिपोर्ट भेजी थी। डीएम की रिपोर्ट के बाद शासन ने बरेली के तीनों एडीजीसी की सेवाएं समाप्त कर दी है। बरेली की वरिष्ठ अधिवक्ता सोनी मलिक पाक्सो कोर्ट में स्पेशल एडीजीसी थी। इसके अलावा एडवोकेट निशा शर्मा और अमित एनडीपीएस कोर्ट मे थे। पिछले दिनों एनडीपीएस कोर्ट के कई मुकदमे छूट गए। यहां तक कि पुलिस ने नन्हे उर्फ लंगड़ा को बड़ी मुश्किल से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह बरेली में स्मैक की मंडी चला रहा था। इसके बावजूद कोर्ट में उस पर आरोप तय नही हो पाए। एक महीने से कम समय में ही उसका मुकदमा छूट गया। हाल ही मे अभियोजन की बैठक मे डीएम रविंद्र कुमार ने खासी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने एसपीओ और एपीओ से पूछा भी था कि ऐसा क्यों हो रहा है। जिस पर अभियोजन के अधिकारियों ने दबी जुबान मे डीएम को मुकदमे छूटने के बारे मे सारा सच बताया था। पाक्सो कोर्ट में तैनात स्पेशल एडीजीसी और वरिष्ठ अधिवक्ता सोनी मलिक ने आवेदन फार्म मे गलत जानकारी अपडेट करने की वजह से भी उन पर कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। उनके कोर्ट मे भी मुकदमे काफी छूट रहे थे। डीएम रविंद्र कुमार की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए शासन ने तीनों स्पेशल एडीजीसी वरिष्ठ अधिवक्ता सोनी मलिक, निशा शर्मा और अमित को हटा दिया है।।
बरेली से कपिल यादव