बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण क्षेत्र का चप्पा-चप्पा अब कंप्यूटर की स्क्रीन पर होगा। बिल्डर कहां अवैध कॉलोनी बसा रहे है और किस जगह पर अवैध निर्माण हो रहा है। इसकी पहचान हो सकेगी। इससे अतिक्रमण, अवैध कब्जों व निर्माण की जमीनी हकीकत पता चलेगी। वही नाली, सड़क समेत दूसरी नागरिक सुविधाओं की रीयल टाइम मैंपिंग होगी। यह सब ड्रोन की मदद से संभव होगा। सोमवार को बीडीए ने नामी एजेंसियों के साथ बैठक कर उनके प्रोजेक्टों का प्रजेंटेशन देखा। बगैर नक्शा पास निर्माण होने की समस्या से निपटने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ड्रोन सर्वे कराने जा रहा है। इसका मकसद ड्रोन सर्वे की मदद से अवैध निर्माण का सटीक रिकॉर्ड तैयार करना है ताकि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर लगाम लगाई जा सके। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करता आ रहा है। लेकिन बहुत से अवैध निर्माण चिन्हित होने से छूट जाते है। अवैध निर्माणों की पहचान ड्रोन सर्वे और थ्रीडी स्ट्रक्चर एनालेसिस के जरिए से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। विशेषज्ञों द्वारा ड्रोन सर्वे का प्रस्तुतीकरण किया गया। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि सर्वे और एनालेसिस के माध्यम से अवैध निर्माणों का सटीक चिन्हांकन किया जा सकेगा। जिससे चोरी-छिपे होने वाले निर्माण को भी चिन्हित किया जा सकेगा। अवैध निर्माण किस समय किया गया है यह भी स्पष्ट हो सकेगा। जिससे अवैध निर्माण के संबंध में संबंधित टीम का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया जा सकेगा। अवैध निर्माण को रोकने के लिए बीडीए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। एक निजी बैंक से मदद लेकर एजेंसी ड्रोन सर्वे करेगी। इसकी शुरूआत बदायूं रोड स्थित नाथधाम कॉलोनी के आसपास शुरू करा दिया गया है।।
बरेली से कपिल यादव