बरेली। व्यापारियों व बीडीए के बीच हंगामे और टकराव के बावजूद आखिरकार बीडीए की टीम ने मंगलवार की सुबह जॉकी शोरूम को दोबारा सील कर दिया। ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया है। मामले में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अब बीडीए की इस कार्रवाई से व्यापारियों मे हड़कंप मचा हुआ है। जुलाई 2024 मे प्रभातनगर के पास व्यावसायिक प्रतिष्ठान को अवैध निर्माण के कारण सील किया गया था। बीडीए का आरोप था कि रोहित शौरी और कृष्णा सक्सेना ने भवन की सील तोड़कर प्रतिष्ठान दोबारा खोल लिया था। बीडीए ने कमिश्नर से शिकायत के बाद दोनों के खिलाफ थाना प्रेमनगर में अवैध निर्माण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के अगले दिन बीडीए की टीम फिर से सील लगाने पहुंची तो व्यापारियों ने विरोध और हंगामा किया। बीडीए की टीम व व्यापारियों के बीच धक्का-मुक्की तक हुई। व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर बीडीए की टीम का विरोध किया था। मंगलवार की सुबह बीडीए की टीम पुलिस को साथ लेकर एक बार फिर मौके पर पहुंची और जॉकी शोरूम को सील कर दिया। इससे पहले सोमवार को संयुक्त व्यापार मंडल की ओर से आयकर अधिकारी ललित कुमार को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमे बीडीए के अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर बेशुमार संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने का आग्रह किया है। वही व्यापारियों ने आरोप लगाया था कि शहर को बसाने के नाम पर बीडीए के अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे है। उनका ठेकेदारों से कमीशन लेने की बात किसी से छिपी नही है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि बीडीए के ज्यादातर एई और जेई शहर पिछले कई साल से जमे हैं। पद का दुरुपयोग कर इन सभी ने बेशुमार संपत्तियां अर्जित की है। शहर में कोई भी नया निर्माण होता है तो अधिकारी सुपरवाइजर भेजकर वसूली कराते है। उप्र व्यापारी सुरक्षा फोरम के महानगर अध्यक्ष रामकृष्ण शुक्ला ने कहा कि नक्शा पास हो न हो, निर्माण करने से किसी को नही रोका जाता। जब वह पूरा हो जाता है तो अवैध बताकर चालान कर दिया जाता है।।
बरेली से कपिल यादव