जिले में अमूमन सांप निकल जानें के बाद ही हमारा पुलिस तंत्र होता है मजबूत

राजस्थान/बाड़मेर – बाड़मेर जिले में किसी भी अनहोनी वारदात होने के बाद अपराधियों को अपराध करके भागने से रोकने और तुरंत पकडऩे के लिए जिला मुख्यालय पर ओर जिले के बाहरी क्षेत्रों के पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों द्वारा नाकेबंदी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। लेकिन हमारे बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पुलिस तंत्र द्वारा वारदात होने के बाद ही अमूमन सख्त नाकाबंदी करवाई जाती है तब तक वारदात करने वाले ज्यादातर अपराध करने वाले पुलिस की पकड़ से रफ़ूचक्कर हों जातें हैं। बाद में हमारी पुलिस तंत्र के अधिकारियों द्वारा जान फूंक कर वारदात करने वाले लोगों को धरपकड़ अभियान जरूर शुरू करने ओर पहले की अपेक्षा सुस्त मुखबिरी तंत्र द्वारा हमेशा वाहवाही बटोरने के साथ ही अपनी पीठ थपथपाते हुए अक्सर देखा जा सकता हैं।

ज्यादातर जिला मुख्यालयों पर शहरी क्षेत्रों के बाहरी नाकों पर पुलिस तंत्र मुस्तैदी के साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जो हर आने-जाने वाले वाहनों पर अपनी पैनी नजर रखे हुए रहते हैं। ताकि किसी भी घटना होने पर जांच में मदद मिल सके। वहीं, हर नाके पर पिछले साल आधुनिक सुविधाओं से लैस चार पहिया पुलिस वाहन भी उपलब्ध कराया गया है। जो आपातकालीन स्थितियों में काम लिया जा सकता है। वहीं, नाकाबंदी के लिए बैरिकेड्स भी मजबूती से लगाए जाते हैं।

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर गेहूं रोड़,नवले की चक्की, बाड़मेर ग्रामीण पुलिस थाने के आगे जैसलमेर रोड़, महिला थाने से आगे, सिणधरी चौराहे से नये बने हुए रिको एरिया पुलिस थाने से लगभग दौ तीन किलोमीटर दूर, चौहटन चौराहे पर, गडरा रोड पर, ओर शहरी क्षेत्रों की छोटी-छोटी गलियों से घरेलू आम रास्तों से होकर कई बार अपराध करके निकल जाने के बाद ही हमारी पुलिस तंत्र मुस्तैदी दिखाते है।

जिला मुख्यालय पर पुलिस कोतवाली, सदर थाना, बाड़मेर ग्रामीण पुलिस थाने, महिला पुलिस थाना ओर रिको एरिया थाने सहित जिले में लगभग दो हजार की पुलिस नफरी में से आधी नफरी बालोतरा जाने के साथ ही शैष पुलिस जाब्ते द्वारा शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले मुख्य मार्ग पर नाकाबंदी ओर गस्त समय-समय पर करवाई जा सकती है लेकिन नाकाबंदी करें तो फिर करें कौन, पुलिस थानों के आगे लगें हुए बेरिकेडिंग तो सही ढंग से कभी नहीं रख पाते हैं और नाकाबंदी करवाई गई तो फिर अन्य राज्यों से पजीकृत हजारों गाडियों और वह भी काले शीशे वाले तो इनके आगे से धड़ाधड़ निकलतीं रहतीं है और फिर चाक चौबंद व्यवस्था का कहना ही क्या‌।

जानकारों ने बताया कि बाड़मेर जिले से निकलने वाली सभी मेगा हाईवे ओर अन्य सड़कों पर मौजूद पुलिस चौकियों ओर थानों के आगे सी सी टी वी कैमरों से लैस होना चाहिए लेकिन हमारी पुलिस तंत्र आजकल शहरी आबादी के आसपास की दुकानें और ज्यादातर टोल नाकों पर लगें हुए सी सी टी वी कैमरों पर अधिकतर आश्रित है, लेकिन अपराध करके अपराधी भी टोल नाकों के आस-पास के मुरडिया कच्चे रास्तों पर बैखोफ होकर सुरक्षित निकल जाता है। जिले में मौजूदा रिफाइनरी प्रोजेक्ट को देखते हुए सेकंडों औधोगिक कम्पनियों, भामाशाहों ओर ठेकेदारों से हमेशा हमारी पुलिस अपने कर्मचारियों के लिए कोराना भड़भड़ी के दौरान सुविधाएं मुहैया करवा रही थी, तो फिर जनता जनार्दन की सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए सभी सड़कों पर पच्चीस तीस किलोमीटर की दूरी पर आधुनिक सुविधाओं से लैस सी सी टी वी कैमरों की सरहदी जिले में बहुत ज्यादा जरूरत है ताकि आमजन सुरक्षित रहे।

जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इण्डिया की सलाहकार समिति के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के नजदीकी इलाके इन्द्रा कालोनी नई पुलिस चौकी बनाने से इन्द्रा कालोनी, कलाकार कालोनी, भौलिये री कृपा रोड़, कोजानियो का पाडा, श्रीयादे नगर ओर दानजी की होदी, वीदासर रोड़ के करीबन बीस पच्चीस हजार परिवारों को बाहरी राज्यों के लोगों का पुलिस सत्यापन करने से अपराध कारित करने वाले अपराधियों से राहत मिलेगी और शहरी सीमा के नजदीकी क्षेत्र में बाहर से कई राज्यों सहित पाकिस्तानी विस्थापित परिवारों का इस क्षेत्र में आना-जाना लगता रहता है। और मौजूदा पुलिस थाने रिको एरिया से दूर होने के कारण पुलिस थाने का स्टाफ द्वारा सुरक्षा व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से कई बार अपराधिक प्रवृत्ति के लोग घटनाओं को अंजाम देकर भी नजदीकी हाइवे के रास्ते निकल जाते हैं। बाड़मेर जिले में भी सीमावर्ती इलाके में लगातार बढ़ रही मादक पदार्थ की तस्करी व अन्य संदिग्ध गतिविधियों के बारे में भी बताया कि आने वाली पीढ़ियों को इससे बचाने के लिए सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

अंग्रेजो के समय की पुलिस तंत्र की बात करते हैं तो फिर मौजूदा आमजन को सुरक्षा प्रदान करने वाली पुलिस तंत्र आजकल इतना सुस्त और उनका मुखबिरी तंत्र इतना कमजोर क्यों है। युवा पुलिस अधीक्षक दिगंत आन्नद और अन्य अधिकारी पिछले पुलिस अधीक्षकों के कार्यकाल के अनुरूप ही स्वविवेक से बाड़मेर जिले की पुलिस तंत्र को मजबूत कर सकते हैं लेकिन इसके लिए पहल कौन करेगा मजबूत पुलिसिया तंत्र में चाक चौबंद किले की नाकाबंदी मजबूत करने के लिए बाड़मेर जिले में आम आदमी को इन्तजार रहेगा ?

– राजस्थान से राजूचारण

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