बिहार-थावे महोत्सव के दूसरे दिन स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के बाद बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने देवी गीत और जागरण गीतों के माध्यम से उपस्थित दर्शकों का मन मोहा । नीतू कुमारी नवगीत ने पूजे दुनिया चरणीय तोहार माई बाटे महिमा तोहार हो अपार माई, थावे वाली माई के महिमा अपरंपार बा ए सखी चला दर्शन कराई दा, माई के चुनरी देखी चंदा चमके सूरज दमके तारा झिलमिल झिलमिल छलके लाली रूप सुहावन लागे रे, मैया मोरी चुनरी ओढावेली तो पावन लागे रे, लाली चुनरिया शोभे हो, शोभे लाली टिकुलिया जैसे अनेक भक्ति गीत गाए । उन्होंने या रब हमारे देश में बिटिया का मान हो जेहन में बेटों जितना ही बेटी की शान हो, इज्जत बची रहे सभी बिटिया की मुल्क में, खेलें न कोई खून की होली दहेज में गीत के माध्यम से दहेज प्रथा की समाप्ति और बाल विवाह को रोकने की अपील की । उन्होंने पटना से पाजेब बलम जी आरा से होठलाली मंगाई दा छपरा से चुनरिया छींटवाली और पियर भइले गेहूं के बाल सैयां खेतवा में हरसाईल बाटे जियरा हमार सैया खेतवा में के माध्यम से लोगों को झुमाया । कार्यक्रम के दौरान राकेश कुमार ने हारमोनियम पर मनोज सुमन ने नाल पर सुरजीत कुमार ने तबला पर सुजीत कुमार ने कैसियो पर और ओम तिवारी ने पैड पर संगत किया ।
-नसीम रब्बानी, पटना /बिहार
चंदा चमके, सूरज चमके, तारा झिलमिल झिलमिल झलके , मां का रूप सुहागन लागे रे
