कोरोना संक्रमण से शिक्षामित्रों की मौत पर संघ दुखी, मांगी 50 लाख की आर्थिक मदद

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। पिछले दिनों जनपद में हुए पंचायत चुनाव के बाद शिक्षामित्र कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके है। इनमें से कई अस्पताल में भर्ती हैं तो कई होम आइसोलेशन में हैं। दुर्भाग्य यह कि कई शिक्षामित्र संक्रमण के चलते अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इससे शिक्षामित्रों मे दुख और रोष भी है। संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव द्वारा देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ट्वीट कर कोरोना से पीड़ित होकर मौत हो जाने पर शिक्षामित्रों को 50 लाख मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश को भी मेल कर पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के साथ ही मुआवजे की मांग की है। रविवार को ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने बताया कि संघ की ओर से इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई गई है। दिवंगत हुए शिक्षामित्रों के लिए ऑनलाइन शोक सभाकर संवेदना जताई गई। साथ ही संक्रमण के शिकार शिक्षामित्रों के इलाज न मिल पाने पर भी चिंता जताई गई। मांग की गई कि सभी शिक्षामित्रों को निशुल्क इलाज दिलाया जाए। साथ ही जिन क्षेत्रों में अभी चुनाव नहीं हुआ है वहां पंचायत चनाव को भी स्थगित किया जाए, जिससे अन्य लोग संक्रमण से बच सके। पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान कराकर लौटे जिले सहित प्रदेश के शिक्षामित्रो की हालत खराब है। अभी बरेली जिले के नवाबगंज ब्लॉक मे शिक्षामित्र से बने सहायक अध्यापक चंद्रपाल गंगवार की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके अलावा बागपत जिले के शिक्षामित्र सचिन शर्मा उर्फ क्रांति की शनिवार को कोरोना हो मौत हो गई। आगे बताया कि यदि पंचायत चुनाव न होते तो संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज शायद न होती। उन्होंने मांग की कि संक्रमण की वजह से जितने शिक्षामित्र काल के गाल में गए है। उनके परिवार के लोगों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। जो लोग बीमार हैं, उन्हे निशुल्क इलाज मिले।।

बरेली से कपिल यादव

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