बरेली। कोरोना संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ने पर शहर का झुकाव योग की ओर होने लगा है। कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना बेहद जरुरी हो गया है। कोरोना संक्रमण काल में मानव जीवन के लिए योग रामबाण औषधि की तरह है। कोरोना वायरस को लेकर लोगों के अंदर डर इस कदर हावी हो रहा है कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में लोग जाने से झिझक रहे हैं। बाहर कई लोगों के साथ जागिग और एक्सरसाइज करने की जगह लोग अब घर में रहकर ही वर्कआउट करना पसंद कर रहे हैं। घर पर जिम जैसी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण अब लोगों का क्रेज योग की तरफ बढ़ रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक करोना का संक्रमण सबसे पहले श्वसन तंत्र में होता है। अपने श्वसन तंत्र को मजबूत करने हेतु लोगों ने योग को अपनाया। श्वसन तंत्र के लिए सबसे अच्छा प्राणायाम भस्त्रिका पांच एवं अनुलोम विलोम है। प्रतिदिन नियमित तौर पर योगासन करने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं में वृद्धि होती है। इन्हीं की वजह से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तो कोई वायरस या कीटाणु हमें संक्रमित नहीं कर पाता है। पिछले छह माह से योग के प्रति लोगों का रूझान दोगुना बढ़ गया है। कोरोना काल से पहले योगाभ्यास करने वालों की संख्या कम थी, वहीं अब अधिकांश योग कक्षाएं हाउस फुल होने लगी है। योग शिक्षिका मीना सोधी के अनुसार कोविड दौर ने लोगों को शारीरिक तौर पर भी कमजोर किया ही है। साथ ही मानसिक तौर पर भी लोग कमजोर हुये हैं। कोविड से रीकवर गुण मरीजों में पोस्ट इफेक्ट भी देखे गये हैं। जैसे शाम के समय थकान ओर बैचेनी के साथ किसी काम में मन नही लगने जैसे मनोवैज्ञानिक असर भी कई लोगो में देखे गए हैं। वह बताती हैं कि उनके पास ऐसे कुछ केस आए हैं जिनको कोविड के बाद मनौवैज्ञानिक दवाब काफी हुआ। जिनको शारीरिक योग से ज्यादा मेडिटेशन हुआ और अब ऐसे लोग अच्छा महसूस कर रहे है। फेफड़ों के लिए योग की डिमांड भी काफी मिल रही है। जिलाधिकारी आवास के सामने उत्कर्ष बैंक के प्रबंधक दिनेश सक्सेना का कहना है कि 21 जून को विश्व योग दिवस के मौके पर बैंक प्रागंण में योगाभ्यास शिविर लगाया जायेगा। जिसमें बैंक कर्मी के अलावा बैंक उपभोक्ता भी शामिल होंगे। इस दौरान शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव