ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने की बरेली के विकास कार्यों की समीक्षा: अधिकारियों को दिए निर्देश

* समय से पूरे करें काम, लापरवाही पर तय हो जवाबदेही।

*प्रभारी मंत्री ने की 50 लाख से ऊपर की योजनाओं की समीक्षा
*कमिश्नर को विकास कार्यों की सतत निगरानी व समीक्षा के दिए निर्देश
*सरकारी जमीन का चिह्नीकरण करें , कहीं भी कब्जा न रहे
*लापरवाह विभागों की डीएम तय करें जवाबदेही, ठेकेदारों के खिलाफ करायें एफआईआर
*सभी परियोजनाओं की करायें गुणवत्ता जांच, सीडीओ की अध्यक्षता में कमिटी बनाने के निर्देश

बरेली : ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री व बरेली जनपद के प्रभारी मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने शुक्रवार को जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा में 50 लाख या इससे ऊपर की लागत की कुल 3052.35 करोड़ की 167 परियोजनाएं शामिल थीं। प्रभारी मंत्री ने कमिश्नर को निर्देशित किया कि सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता के लिए सतत निगरानी व समीक्षा करें। साथ ही सभी कार्य तय समय पर पूरे हों इसके लिए सभी संबंधित विभागों से समन्वय भी सुनिश्चित हो।

उन्होंने जिलाधिकारी को जनपद में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करने के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में समिति बनाने के निर्देश दिए। जो भी परियोजना पूरी हो गई हो विभाग उसका सर्टिफिकेट डीएम को दे और डीएम उसका भौतिक निरीक्षण करें। साथ ही जो 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, उनका भी भौतिक निरीक्षण करा लिया जाए। मंत्री जी ने कहा कि पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम के सभी लंबित कार्यों की समीक्षा कर लें। सभी कार्यों के गुणवत्ता की जांच भी कर लें। अफसर मोटर साइकिल से घूमकर सड़क व विकास कार्यों की स्थिति देखें। जहां भी काम हुआ हो वहां पर यह बोर्ड लगे जिसमें परियोजना व उसका अनुरक्षण करने वाली कार्यदायी संस्था का ब्यौरा दर्ज हो।

जलनिगम द्वारा बनाई गई पानी की टंकियों, अमृत योजना के तहत पेयजल लाइनों के निर्माण व गृह संयोजन व सीवरेज योजना के कार्यों की गुणवत्ता की जांच करायें। लापरवाही मिले तो ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायें। उन्होंने कहा कि जनपद में 16 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं। लेकिन पोस्ट स्वीकृत न होने से उनका संचालन नहीं शुरू हो पाया है। इनकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजें और शीघ्र ही उनका संचालन शुरू करायें। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न हो। जिस भी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में कोई भी परियोजना चल रही है तो उसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिन भी परियोजनाओं में लापरवाही के कारण विलंब हुआ है। सभी में जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। कमिश्नर यह सुनिश्चित करें। अधूरे कार्यों पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफआईआर करायें।

उन्होने यह भी निर्देश दिए कि कमिश्नर स्मार्ट सिटी एडवाइजरी बोर्ड की बैठक करा लें। बोर्ड के सभी सदस्यों को परियोजनाओं के बारे में जानकारी हो, उनसे सुझाव लिया जाए। सभी परियोजनाओं की जानकारी पब्लिक डोमेन में रहे। पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो यह सुनिश्चित किया जाए। पंचायत घर से लेकर डीएम के कार्यालय का रोस्टर तैयार किया जाये। किस दिन कौन सा अधिकारी किस क्षेत्र में कहां पर प्रवास पर रहेगा। इसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम जन को भी हो यह सुनिश्चित किया जाए।

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