उत्तराखंड!गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर भूख-हड़ताल जारी

उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल- अब भी नहीं जागे उत्तराखंडीयों तो कब जागोगे। फिर मत कहना किसी ने लड़ाई नहीं लडी यह प्रदेश‌ अलग हुआ था पहाड़ी प्रदेश के रुप में और आज उत्तराखंड की 51% जनसंख्या देहरादून हरिद्वार ऊधम सिंह नगर में हैं। देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर इन जिलों का विकास कोई नहीं रोक सकता राजधानी के गैरसैंण बनने से देहरादून पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। पड़ेगा फर्क तो बाहरी घुसपैठियों पर जिन्हें वापस जाना होगा ।
देहरादून में विकास होना ही है मेट्रो से लेकर तमाम आधुनिक सुविधाएं वहां बढ़नी ही हैं लेकिन पहाड़ों का क्या जो आज भी डाक्टर से लेकर बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। राजधानी गैरसैंण बनने से नेता अधिकारी गैरसैण रहेंगे और जब खुद उन हालातों से रूबरू होंगे तो जरूर पहाड़ों के बारे में सोचने को मजबूर होंगे।
देहरादून, हरिद्वार ,ऊधम सिंह नगर के साथियों से अनुरोध है कि जरा पहाड़ में रह रहे लोगों पहाड़ी 10 जिलों के बारे में सोचें।
अंतिम उम्मीद है ये वर्ना अगले परिसीमन के बाद समझो पहाड़ खत्म । आशा है आप सब लोग पहाड़ी प्रदेश के विकास की इस लड़ाई में साथ देंगे।
हम ना भाजपा के खिलाफ हैं ना कांग्रेस के हमें सिर्फ और सिर्फ गैरसैंण राजधानी चाहिए।
इसी क्रम में आप लोगों के साथ 11 मार्च को गैरसैण में महापंचायत तथा 20 मार्च को उत्तराखंड बंद का आह्वान किया गया है । राजनीतिक लोग भी सोचें क्योंकि राजनीती भी तब होगी जब लोग होंगे।
2025 के परिसीमन से पहले इस लड़ाई का रूप अंतिम है साथियों गैरसैण हमारे हक हमारे वजूद की लड़ाई है।इसी उद्देश्य से 11 मार्च को आप सभी का स्वागत है गैरसैंण में।
-इन्द्रजीत सिंह असवाल,पौड़ी गढ़वाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।
error: Content is protected !!