सहारनपुर/शामली-अंबाला हाईवे निर्माण को लेकर पट्टा धारक किसानों को प्रतिकर भुगतान ना मिलने से हाइवे निर्माण में हो रही देरी को लेकर जिलाधिकारी सहारनपुर डा. दिनेश चंद्र सिंह ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना जिलाधिकारी ने किसानों की समस्या का जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया है।
आज नकुड़ ब्लाक सभागार में पहुंचे जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि शामली-अंबाला हाईवे के लिए तहसील क्षेत्र में 32 किलोमीटर की क्रासिंग है। जिसमें 26 गांवों के किसानों की हाईवे में आने वाली भूमि का अधिग्रहण होना था। 19 गांवों में भूमि अधिग्रहण हो चुका है और किसानों को मुआवजा भी मिल चुका है। परंतु सात गांवों में बंजर व जंगल ढाक की भूमि के पट्टा धारक किसानों के मुआवजे की पत्रावली रोक दी गई थी।
राजस्व परिषद ने भी मामले की सुनवाई में उक्त भूमि को सुरक्षित श्रेणी की भूमि मानते हुए किसानों को प्रतिकर भुगतान होने में समस्या बताई जिससे किसानों का आज तक भी मुआवजा मिलना संभव नही हो सका ।
मुआवजे से वंचित रह गए गुस्साए किसानों ने कहा कि उन्होंने 30,40 वर्षों से उक्त जमीनों को मेहनत करके उपजाऊ बनाया है जो उनकी रोजी रोटी का जरिया है। लेकिन अब सरकार उनसे यह जमीन छीनने का काम कर रही है। जिलाधिकारी ने किसानों को समझाते हुए मामले को लेकर समाधान कराने का आश्वासन दिया है। इस दौरान एडीएम एफ रजनीश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह, एसडीएम अजय कुमार अंबष्ट, तहसीलदार राधेश्याम शर्मा, एनएचएआई के परियोजना निदेशक सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी व कई गांवों के किसान मौजूद रहे।
वही आपको बता दे कि एक ओर जहा इन सात गांवों का मामला मुआवजा को लेकर फंसा है वही हाइवे निर्माण को लेकर हरियाणा यूपी सीमा से सटे गांव चंद्राव और रानीपुर बरसी के सीमाकन को लेकर भी प्रशासन कई महीने से उलझन में पड़ा है ।
कुल मिलाकर अभी तक उपरोक्त 7 गांवों के किसानों को प्रतिकर भुगतान ना होने से उनके लिए रोजीरोटी का संकट तो पैदा हो ही गया है ।जिलाधिकारी सहारनपुर डा. दिनेश चन्द्र सिंह इस प्रकरण का सम्मानजनक समाधान के लिए प्रयासरत हैं।
– सहारनपुर से सुनील चौधरी