बिहार – केसरिया मोतिहारी में भव्य तरीक़े से आयोजित केसरिया महोत्सव का उद्घाटन प्रभारी मंत्री विनोद नारायण झा, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह और जिलाधिकारी रमण कुमार ने किया । केसरिया महोत्सव के उद्घाटन के बाद बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की । सबसे पहले उन्होंने गणेश वंदना मंगल के दाता रउआ बिगड़ी बनाई जी, गौरी के ललना हमरा अंगना में आई जी की प्रस्तुति की । उसके बाद उन्होंने बिहार की गौरव गाथा सुनाते हुए गाया कि जिस धरा पर हमने जन्म लिया वही हमारा मान है, ऐ बिहार की धरती तुझ पर जीवन कुर्बान है । हर दिल में बसता प्यार यहां,गंगा प्यार की बहती है, देव अतिथि कहलाते हैं मिश्री बोली में रहती है । हर भेद-भाव से परे, यहां की अजब निराली शान है,ऐ बिहार की धरती, तुझ पर जीवन कुर्बान है । बेटियों को समाज में बराबरी का सम्मान दिए जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा : बेटी राग यमन की ताने, घुंघरू की रुनझुन है। इकतारा की मीठी मीठी अलबेली सी धुन है । बेटी से ही रंग महावर, बेटी से रंगोली, बेटी मरहम से जख्मों पर वाणी में मधुरता की गोली । बाल विवाह की खिलाफत करते हुए उन्होंने गाया : खेलें धुपे के दिन में न शादी करी होहीं बर्बादी हो । बेटियों से संबंधित जागृति गीत बेटी को बचाने चलो देश ने पुकारा है, आज समय फिर आया लेने, इंतहा हमारा है । छीनेंगे ना बिटिया के हाथों से गुड़िया, तोड़ेंगे ना बगिया से, फूलों की कलियां गाकर उन्होंने सब को भाव-विह्वल कर दिया । बालिकाओं की पढ़ाई पर जोर देते हुए गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने गाया : पढ़ने को जाए बेटी हर एक घर से निकलकर, , बेटी की आंखों के सभी सपने साकार हो । विशाल संख्या में उपस्थित श्रोताओं की मांग पर उन्होंने कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा, सेजिया पर लोटे काला नाग हो कचौरी गली सुन कईला बलमू और पटना से पाजेब बलम जी जैसे सुपर हिट लोक गीत भी गाए।चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में राष्टपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने सत्य की राह दिखाए दिया रे । लाठी वाले बापू गीत गाया। उनके साथ हारमोनियम पर रामेश कुमार , नाल पर मनोज कुमार सुमन, कैसियो पर सुजीत कुमार और आक्टोपैड पर कुमार नीतीश ने संगत किया।
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार