8 माह से जेल में बंद UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को हाई कोर्ट से मिली जमानत

प्रयागराज- एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) की पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है। हाई कोर्ट ने एक वर्ष के अंदर मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया है। यह निर्णय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा दिया है।

अपने बैच की टॉपर रही पीसीएस आफिसर अंजू कटियार 30 मई, 2019 से वाराणसी जिला कारागार में बंद हैं। यूपीपीएससी की असिस्टेंट टीचर एलटी ग्रेड की परीक्षा के पेपर लीक के आरोप में दर्ज एफआईआर में नाम आने के बाद वाराणसी की एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के बाद 26 जुलाई, 2019 को हाई कोर्ट ने पेपर लीक मामले को गंभीर अपराध मानते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि यूपीपीएससी ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 में 15 विषयों की परीक्षा कराई थी। इस परीक्षा में लगभग साढ़े सात लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 29 जुलाई, 2018 को यूपी के 37 जिलों में हुई इस परीक्षा में साढ़े तीन लाख के लगभग अभ्यर्थी शामिल हुए थे। आयोग ने सात विषयों (संगीत, उर्दू, गृह विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, कृषि, वाणिज्य व संस्कृत) का परिणाम घोषित किया, जिसमें 1347 के लगभग सफल हुए थे, जबकि अंग्रेजी, कला, गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, हिंदी, सामाजिक विज्ञान व कंप्यूटर विषय का परिणाम आना बाकी है।
इसी बीच परीक्षा का पेपर लीक होने का राजफाश हुआ। पुलिस ने इसमें पेपर छापने वाले कोलकाता के प्रेस मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था। कौशिक के बयान के आधार पर आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार सहित नौ लोगों के खिलाफ वाराणसी के चोलापुर थाना में 20 मई, 2019 को नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई। पेपर लीक मामले की तह तक जाने के लिए जांच एसटीएफ को सौंपी गई।

एसटीएफ ने 28 मई, 2019 की रात प्रयागराज स्थित यूपीपीएससी में दस्तक देकर छानबीन शुरू कर दिया। फिर 30 मई, 2019 को डॉ. अंजू कटियार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम वाराणसी की कोर्ट से 6 जून, 2019 को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली थी, लेकिन वहां से भी जमानत याचिका नामंजूर हो गई थी।

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