बरेली। जिला जेल में बंद बंदी ने शुक्रवार देर रात बैरक के शौचालय में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना रात करीब पौने दो बजे की है। आत्महत्या करने वाला बंदी भूरा सिरौली के मकबरा गांव का रहने वाला था। एनडीपीएस एक्ट मे वह जेल में बंद था। भूरा जिला जेल में इसी साल फरवरी में एनडीपीएस एक्ट में बंद किया गया था। उसकी उम्र 51 वर्ष थी। घटना की जानकारी होने पर जेल में हड़कंप मच गया।आनन – फानन में अफसर मौके पर पहुंच गए। इसके बाद बंदी का शव उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। रात मे ही सिरौली पुलिस ने मृतक के परिवार को सूचना दे दी। आपको बता दें कि थाना सिरौली क्षेत्र के गांव जगन्नाथपुर के मजरा मदकरा का रहने वाला भूरा पुत्र हूकमी को सिरौली पुलिस ने चार फरवरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद से ही वह जिला जेल में बंद था। लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर मुलाकात पर पाबंदी थी। घर वालों से न मिल पाने की वजह से वह अवसाद मे था। जिला जेल में बंदी को क्वारंटाइन बैरक वन में रखा गया था। देर रात युवक बैरक की शौचालय में गया था। जहां उसने शौचालय के दरवाजे में अंगौछा फंसाकर फंदे पर लटकर सुसाइड कर लिया। देर रात दूसरे बंदी के शौचालय में जाने पर घटना की जानकारी हुई। जिसके बाद पूरी जेल में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिला जेल के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद पहुंची भुता पुलिस ने शव को पंचायतनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। भूरा के खिलाफ सिरौली थाने में अन्य मुकदमें भी दर्ज थे। जेल अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। वही दूसरी ओर मृतक भूरा के भाई बदन सिंह ने बताया कि उसके भाई की जमानत हो चुकी थी। इसकी जानकारी भूरा को भी थी। ऐसी स्थिति में भूरा सुसाइड नहीं कर सकता। उसने जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसके भाई की साजिश के तहत हत्या की गई है। बदन सिंह ने कहा कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की मांग करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि प्रथमदृष्टया भूरा ने आत्महत्या की है। जेल मे कोई मारपीट नहीं हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत का असल कारण पता चल सकेगा।।
बरेली से कपिल यादव