आतंक का अंत:3 राज्यों से 38 आपराधिक मामलों में फरार 75 हजार का इनामी मुकेश ठाकुर मुठभेड में ढेर

*दलितों के साथ मारपीट से रखा अपराध की दुनिया में कदम
*भरतपुर जेल से पैरोल पर हुआ था रिहा
धौलपुर। रविवार देर रात को उत्तर प्रदेश एसटीएफ और स्पेशल ब्रांच की टीम ने तीन राज्यों से 38 आपराधिक मामले में फरार चल रहे आतंकी का अंत कर दिया। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बसेड़ी थाना क्षेत्र के जारगा गांव निवासी मुकेश ठाकुर पर मध्यप्रदेश में एक, राजस्थान में 27 और उत्तर प्रदेश में 10 आपराधिक मामले दर्ज थे। वर्ष 2002 में बसेड़ी थाना क्षेत्र में दलितों के साथ मारपीट करने के बाद अपराध की दुनिया में पहुंचे मुकेश ठाकुर ने 2010 तक 28 आपराधिक वारदातों को अंजाम दे दिया। वर्ष 2004 में दलित की हत्या के मामले में 4 फरवरी 2019 को धौलपुर कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट से गिरफ्तार किया गया हत्या का आरोपी मुकेश ठाकुर भरतपुर जेल ले जाते वक्त कैंथरी बॉर्डर से अपने सहयोगियों के साथ पुलिस की दो राइफल छीनकर फरार हो गया। वर्ष 2011 में राजस्थान की पुलिस ने उसे कांस्टेबलों से छुड़ाकर ले जाई गई दो राइफल और 100 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। इस दौरान वर्ष 2010 में मुकेश ठाकुर ने जेल में बंद कुख्यात डकैत जगन गुर्जर के भांजे भूरा की हत्या कर दी। जिसका बदला लेते हुए महज 4 घंटे बाद ही जगन गुर्जर के भाई पप्पू गुर्जर ने मुकेश ठाकुर के सक्रिय सदस्य पप्पू खनपुरा के साले संतोष को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में बाड़ी कोर्ट ने आरोपी मुकेश ठाकुर को दोषी मानते हुए 5 सितंबर 2017 को आजीवन करावास की सजा सुनाई। 2011 में राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद भरतपुर की सेवर जेल में बंद मुकेश ठाकुर को 20 सितंबर 2019 को 20 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया। जिसे हफ्ते में 2 दिन बुधवार और रविवार को बसेड़ी थाने में जाकर हाजिरी देने के निर्देश दिए गए थे। पैरोल पर रिहा किया गया मुकेश ठाकुर रिहा होने के बाद फिर से फरार हो गया। जिसके बाद उसने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के साथ मध्यप्रदेश के भिंड और राजस्थान के धौलपुर जिले में एक के बाद एक कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। धौलपुर जिले से फरार चल रहे मुकेश ठाकुर के आतंक का रविवार रात को यूपी पुलिस ने अंत कर दिया।
जेल जाने से पहले गुजरात में जमाया कारोबार
मुकेश ठाकुर ने मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की रहने वाली एक युवती से लव मैरिज की थी। लव मैरिज करने के बाद उसे गुजरात शिफ्ट कर दिया। जहां मुकेश ठाकुर का भाई साथ रहता था। जेल जाने से पहले मुकेश ठाकुर में चार ऑटो खरीद कर गुजरात में किराए पर चलाने का काम शुरू कर दिया था।
मुकेश ठाकुर से मिलने आए हरियाणा के बदमाश का हुआ था एनकाउंटर
1 फरवरी 2011 को मुकेश ठाकुर से मिलने आए हरियाणा के कुख्यात बदमाश बद्री उर्फ ताऊ का धौलपुर पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। तत्कालीन एसपी राहुल प्रकाश के नेतृत्व में कोबरा की टीम ने वन विहार इलाके में पुलिस को देख कर भाग रहे बद्री उर्फ ताऊ का एनकाउंटर किया था।
जेलर को धमकी के साथ हैड कॉन्स्टेबल पर की थी फायरिंग
मुकेश ठाकुर पर वर्ष 2010 में धौलपुर के तत्कालीन जेलर फिरोज अहमद को 33 बार फोन कर धमकी देने का आरोप था। इसके अलावा मुकेश ठाकुर पर 18 अक्टूबर 2010 को बाड़ी के शिक्षक मुन्ना लाल का अपहरण कर 5 लाख की फिरौती मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया। पैरोल पर रिहा होने के बाद मुकेश ठाकुर को गिरफ्तार करने गए सखबारा चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल अशोक कुमार के साथ मारपीट कर और जान से मारने की नीयत से फायरिंग करने का भी आरोप था।
पीछे लगी थी राजस्थान पुलिस और यूपी पुलिस ने कर दिया ढेर
तीन राज्यों में आतंक का पर्याय बन चुके मुकेश ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए धौलपुर पुलिस लगातार दबिश की कार्रवाई कर रही थी। धौलपुर में रहने के बावजूद भी राजस्थान पुलिस के हत्थे मुकेश ठाकुर नहीं चढ़ा। जिसे देर रात को आगरा पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। – योगेश पाठक आगरा

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