अंधविश्वास मे बेरहम मां ने की दो मासूमों की हत्या, बोली-सपने में आई काली मां ने मांगी थी बलि

बरेली। जिले के थाना भुता इलाके के मटकापुर गांव मे एक बेरहम मां ने अंधविश्वास और घरेलू कलह के चलते अपने के दो जिगर के टुकड़ों को बेरहमी से मार डाला। दोनों मासूम को बचाने पहुंचे पिता पर महिला ने प्रहार किया। पत्नी के प्रहार से पिता बुरी तरह घायल हो गया है। महिला ने अपनी 6 महीने की बेटी और 2 साल के बेटे को गला दबाकर मार दिया। शुक्रवार की सुबह जब पति ने पूछा तो बोली कि काली मां सपने में आई थी और कहा कि दोनों बच्चों को मार दो। इसलिए सुबह मैने दोनों को गला दबाकर मार दिया।दोनों मासूम की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त भी बताई जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों बच्चों के शव को कब्जे मे ले लिया है। महिला की इस हरकत से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। घटना की सूचना मिलने पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण मौके पहुंचे और पूछताछ की। पति ही तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आपको बता दें कि थाना भुता क्षेत्र के गांव मटकापुर गांव के रहने वाले बंटू गंगवार का पत्नी जयंती देवी से कई महीनों से घरेलू विवाद चल रहा था। गुरुवार की रात दोनों में जमकर विवाद हुआ था। जिसके बाद महिला बौखला गई। पति का गुस्सा निकालने के लिए महिला ने अपने ही बेटे और बेटी को निशाना बना डाला। महिला ने बिस्तर पर लेटी एक साल की मासूम बेटी और दो साल के बेटे को फरसे से काट डाला। पिता बंटू बच्चों को बचाने दौड़े लेकिन उस पर भी महिला ने हमला कर दिया। महिला के हमले में बंटू भी गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है। दोनों बच्चों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजे गए हैं। महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में महिला ने बताया कि रात को उसके सपने में मां काली आई थी। मां काली ने उसे दो बच्चों की बलि देने के लिए कहा था। जिसके बाद उसने यह घटना कर डाली। महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त भी बताई जा रही है। पुलिस की पूछताछ मे बच्चों के पिता ने बताया कि अक्सर पत्नी का उससे विवाद हो जाता था। घरेलू विवाद के चलते जयंती बच्चों पर भी जुल्म करती थी। पत्नी ने आठ दिन से बच्चों और उसे खाना परोस कर नहीं दे रही थी। खाना बनाने के बाद पहले खुद खाना खाती थी। बंटू गंगवार खुद बच्चों को और अपने लिए खाना परोस कर खाते थे। क्रूरता की हदें पार करने वाली बेरहम मां को लेकर गांव में लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। मासूम बच्चों की हत्या से गांव में मातम का माहौल है। अधिकतर घरों में दोपहर के चूल्हे भी नहीं जले हैं। मासूम बच्चों को याद करके लोग भावुक हो रहे है। बंटू ने बताया कि जयंती देवी की दो बहनों की गांव में शादी हुई है। मामूली कलह के बाद जयंती देवी अपने बहनों के यहां भागकर पहुंच जाती थी। जिसके बाद गांव में बदनामी होती थी। इसलिए बंटू गंगवार बाहर से ताला डालकर अपनी मां के पास चला गया। उसे अपनी पत्नी जयंती की क्रूरता के बारे में जानकारी नही थी।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।