नई दिल्ली- यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम दिवंगत नरायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घोटकर हत्या का शक जताया गया है. पहले केस लोकल पुलिस ने दर्ज किया था लेकिन बाद में मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. आज क्राइम ब्रांच की टीम और सीएफएसएल रोहित के घर पहुचीं हैं और घर में सबूत जुटा रही हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अननेचुरल डेथ पाई गई है जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया. हालांकि अभी अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
रोहित 15 अप्रैल को कहीं बाहर से घर आए. नौकरों के बयान और सीसीटीवी से पता चला कि उस रात रोहित ने शराब पी हुई थी और वो फिर अपने कमरे में जाकर सो गए. हैरानी इस बात की है कि 15 अप्रैल को रोहित सोए और 16 अप्रैल शाम 4 बजे के आसपास रोहित संदिग्ध हालत में पाए गया. लेकिन रात से लेकर शाम 4 बजे तक किसी ने रोहित को उठाया नहीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले गए. शुरू में हार्ट अटैक से मौत बताई गई लेकिन पोस्टमार्टम के बाद अब हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
क्राइम ब्रांच ने हत्या यानी आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया है. क्राइम ब्रांच के अधिकारी रोहित के घर भी पहुंचे हैं और घरवालों से पूछताछ चल रही है.
सात साल एनडी तिवारी के खिलाफ लड़ा पितृत्व का केस:-
रोहित शेखर तिवारी ने स्वर्गीय एनडी तिवारी के खिलाफ करीब सात साल तक पितृत्व का केस लड़ा. इसके बाद डीएनए टेस्ट में रोहित शेखर के एनडी तिवारी के बेटा होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद तिवारी ने भी रोहित शेखर को अपना बेटा मान लिया. साल 2008 में रोहित शेखर ने एक याचिका दायर कर दावा किया था कि एन.डी. तिवारी उनके बायलॉजिकल पिता हैं. रोहित शेखर की मां उज्जवला ने डीएनए रिपोर्ट आने के बाद कहा था कि मुझे आज अपने बेटे पर गर्व है. एनडी तिवारी से माफी के सवाल पर उन्होंने ये भी कहा था कि मुझे उनसे कुछ नहीं चाहिए।