रिखणीखाल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल:कागजों तक सीमित रहती है कार्यवाही,धरातल पर उतरकर नहीं होती जाचं

पौड़ी गढ़वाल- रिखणीखाल क्षेत्र में ही नही अपितु समूचे उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की हालत यह है कि स्वास्थ्य और शिक्षा की वजह से सब से ज्यादा पलायन हुआ है। रिखणीखाल क्षेत्र में एक मात्र 25 बैड के हॉस्पिटल में न कोई डॉ है न दवाई 3 एम्बुलेंस (108) सेवा थी भी उन में बिगत 4 महीने से तेल नही है और कर्मचारियों को पगार नही मिला है। चतुर्थश्रेणी के कर्मचारी मरीज का उपचार करते है।
पट्टी पेनों अन्दरगांव में 4 बैड का एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था जिस के भवन का पुनर्निर्माण का कार्य बिगत 2 साल 5 महीने से चल रहा है। 81 लाख की लागत से यह भवन बन रहा है समय सीमा मात्र 14 महीने थी मगर ठेकेदार व प्रशासन के बीच में मामला ऐसे पिसा कि हॉस्पिटल अगले 4 साल में भी जनता के लिए नही खुल सकता है। ठेकेदार दिल्ली से त्रिपन सिंह चौधरी है क्षेत्र में सरकारी जेई जगमोहन सिंह रावत व एक्सेन हितेन कुमार है इन सरकारी ब्यक्तियों को जब सवाल पूछो तो चुप्पी साध लेते है। पूरे बजट का 75% धन सरकार ठेकेदार को दे चुकी हैं मगर किसी के पास कोई जबाब नही कि कार्य क्यों नही पूरा हुआ। सम्बंधित अधिकारी ने कैसे ठेकेदार के पेमेंट वाउचर पर दस्तख़त कर दिए यह भी गम्भीर सवाल है।

जब यह शिकायत बिगत वर्ष मैंने समाचार चैनल व प्रिंट मीडिया के माध्यम से देहरादून स्वास्थ्य विभाग से लगाई तो जांच टीम गठित हुई मगर क्षेत्र में गए अधिकारी रिखणीखाल से नीचे नही उतरी धरातल पर कोई भी अधिकारी कार्य देखने नही गया।

सामाजिक कार्यकर्ता अदार सिंह गुसाई ग्राम अन्दरगांव ने जब बिभाग से आरटीआइ के माध्यम से हॉस्पिटल का ब्लूप्रिंट मांगा तो पता चला कि हॉस्पिटल के लिए बजरी हरिद्वार ज्वाला पुर से आना था मगर ठेकेदार बजरी रेता ककर गाढ़ नदी का लगा रहा है। बिजली विभाग की अनुमति के बिना ठेकेदार बिजली इस्तेमाल कर रहा है। बिना वन भिभाग की अनुमति के हॉस्पिटल परिसर में स्थित 60 साल पुराने 3 लिप्टिस के पेड़ काट दिए गए है।

अदार सिंह ने जब दोबारा विभाग से जांच के आदेश दिए तो एक्सेन हितेन कुमार ने तुरंत कार्य पर रोक लगाई मग़र जांच के बाद कोई सूचना नही है कि हॉस्पिटल कब कैसे शुरु होगा। फोन पर हितेन जी ने आश्वासन दिया था कि हॉस्पिटल 2 महीने में जनता के लिए खुल जायेगा मगर आज इस बात को भी 4 महीने हो गए है। हॉस्पिटल न होने की वजह से क्षेत्र में 9 मौतें हो चुकी है एक मात्र सहारा अन्दरगांव (बडियार गाँव) हॉस्पिटल भी बंद हो जाने की वजह से क्षेत्र वालों के पास 85km दूर कोटद्वार का रुख करना मजबूरी हो चुका है। विभाग व सरकार से अनुरोध है क्यों अनैच्छिक पलायन की ओर धकेल रहे हो हम लोगों को।

– साभार देवेश आदमी

पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल

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