प्रधानमंत्री आवास के लिए दर-दर भटक रहा पीड़ित परिवार…

लखीमपुर खीरी – केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीणों को सरकार आवास उपलब्ध कराने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के चलते सर्वे सूची का बहाना बनाकर पात्र लोगों का नाम काटकर अपात्र श्रेणी में जोड़ दिया जाता है l जिसके कारण गरीब परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह जाते हैं l जब आवासों के बारे में जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो वह भी मामले को अनदेखा करने का काम करते हैं.
मामला है लखीमपुर जिले के निघासन ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत दुबहा का जहां पीड़ित इसरार पुत्र मंगू प्रधानमंत्री आवास के लिए दर-दर की ठोकरें खाते नजर आ रहा है,ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत के चलते पीड़ित इसरार को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.पीड़ित इसरार द्वारा बताया गया कि सर्वे सूची 2011 के अनुसार ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास आवंटित होने थे.जिसमें प्रार्थी का नाम काट दिया गया है प्रार्थी एक बेहद ही गरीब परिवार से है व किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है लेकिन प्रार्थी को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रखा गया है.पीड़ित परिवार जब प्रधानमंत्री आवास के लिए ग्राम प्रधान व सचिव से मिले तो उन्होंने सर्वेश सूची दिखाते हुए बताया कि आपके पास 7 कमरों का मकान है जिसके कारण आपको प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिलेगा.जब कि प्रार्थी की स्थिति इतनी दयनीय है कि वह सही तरीके से अपना घर भी नहीं बना पाया है और टूटे फूटे घर में रह कर गुजर बसर कर रहा है पीडित द्वारा जब इस मामले की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की गई तो वह भी मामले को अनदेखा करते नजर आए.पीड़ित आज भी प्रधानमंत्री आवास के लिए जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते नजर आ रहा है.एक तरफ जहां सरकार प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास को लेकर बड़े-बड़े दावे करती नजर आ रही है वहीं दूसरी ओर यही दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आ रहे हैं.ग्राम प्रधान, सचिव व जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर आखिर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा.क्या पीड़ित परिवार आवास के लिए यूं ही दर-दर भटकता रहेगा.यह एक सोचने वाली बात है.
लखीमपुर खीरी से अनुराग पटेल की रिपोर्ट…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।