कोरोना महामारी के चलते पहाड़ के दुर्गम गावों में नही मिल रही मदद:20 साल बाद भी योजनाओं को तरस रहे लोग

*उत्तराखंड बनने के 20 साल बाद भी सरकारी योजनाओं के लिए तरस रहे हैं पहाड के लोग

उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल – दूर से खूबसूरत लगते हैं यह पहाड़ लेकिन जब इन सुंदर हरे भरे पहाड़ो के अंदर बसे गांव की स्थिति दिखती है तो लगता है कि इनके लिए आजादी नही आई आखिर कहा है इनके लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं।


ये उन लोगों की कहानी है जो आज भी पहाड़ को जीवित रखें हुये है और इन्ही की वजह से गांव आबाद भी है। पलायन के चलते खाली हो रहें है पहाड़ और जो यहाँ पर है वह शासन प्रशासन की उपेक्षा के शिकार बने हुए हैं । राज्य एवं केंद्र सरकार की आवास योजना भी इनके द्वार तक नहीं पहुँच पाईं है ।

आज हम आपको पौड़ी गढ़वाल के चौबटयाखाल विधानसभा क्षेत्र के पट्टी कौड़िया वन,विकासखण्ड ज़हरीखाल , कांडामल्ला ग्राम सभा के भेगलाषी गांव के कुछ उन लोगों की कहानी बता रहें है जिनको आज भी खतरे में जीने पर मजबूर होना पड़ रहा है,किसी के पास घर नही है और किसी का घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है शौचालय नही है गैस नही है।

पहले आपको बीरा देवी पत्नी स्व. प्रेमलाल ध्यानी के बारे में बताते हैं बीरा देवी के पति का 3 वर्ष पहले देहांत हो गया उनकी कोई विधवा पेंशन भी नहीं है 4 बच्चे हैं दो लड़कियों की शादी हो गई है दो लड़के है जो बेरोजगार है ।अपना मकान टूट चुका है दूसरों के घर मे रहते है और यह घर भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में कभी भी धराशाई हो सकता है ।

इसी गांव की गुड्डी दीदी है इन्हें आधा क्षेत्र गुड्डी दीदी के नाम से जानता है गुड्डी दीदी अपने माता पिता के साथ ही रहती थी माता पिता अब इस दुनिया में नही है उम्र भी 60 के पार हो चुकी है आज भी 8 गाय बछड़े पाल रखें है गुड्डी दीदी ने। गुड्डी दीदी कहती है कि विगत हफ्ते पहले मेरे हाथ पर चोट लग गई थी 30 किलोमीटर दूर अस्पताल हजार रुपये में गाड़ी बुक करके जाना पड़ा और इतनी ही उन्हें पेंशन मिलती है शौचालय नही है गैस नही है जिस घर में रहती है उसके हाल आप देख सकते हैं मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने को है जो की कभी भी गिर सकता है और गुड्डी दीदी के साथ घटना घट सकती है
बाकी राशन कार्ड के द्वारा राशन तो मिल गई है

सरकार की दी हुये राशन कार्ड से गेंहूँ चावल तो मिल रहा है पर अन्य चीज भी तो चाहिये आजकल मजदूरी का काम भी नहीं रहा है जो मजदूर की दिनचर्या चलाने में मदद मिल सके हालात यह बने हैं कि किसी तरह जिंदगी घिसटनी पड़ रही है सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस गांव के सभी लोग भाजपा के स्थाई सदस्य हैं और इस गांव से बड़े बड़े ऑफिसर है गांव में अब 11 परिवार है उनमें दो परिवार लॉक डाउन के कारण घर में है बचे 9 परिवार अब इनको देखो सरकार

मेरे संज्ञान में मामला अभी आया है लॉकडाउन के बाद राशनकार्ड गैस कनेक्शन शौचालय मामले में कार्यवाही की जाएगी ।गावों में स्थिति ऐसी है कि जो लोग गांव में रह रहे हैं उनके मकान भी गंभीर स्थिति में है ओर वर्तमान में सरकार के पास कोई भी मरमत कार्य का बजट दिया जाता है हम लॉकडाउन के बाद सरकार से मांग करेंगे कि गांव में रह रहे गरीब जिनके मकान क्षतिग्रस्त है उनकी मरमत की जाय।यह कहना है ब्लाक प्रमुख ज़हरीखाल दीपक भंडारी का।

इस ग्राम सभा के प्रधान ने यहाँ के विधायक सतपाल महाराज जी के पीआरओ राय सिंह नेगी से फोन पर बात की परन्तु जबाब मिला कि स्थानीय नेताओं को बोलो ।

प्रधान जी द्वारा ऐसे सभी गरीब लोगों की लिस्ट भाजपा के स्थानीय नेता अशोक बुडाकोटी जी भेजी गयी है देखते हैं कि कब शासन प्रशासन ऐसे लोगो तक पहुचेगा ।विधयाक सतपाल जी महाराज भी बाजारों में ही है शायद गांव के लोग उनकी निगाहों में बहुत अमीर है व उनको किसी चीज की जरूरत नहीं।

– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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