केमिकल और पानी मिलाकर बेच रहे थे नकली खून

लखनऊ- अभी तक लोगों को मिलने बाली खादय सामाग्री पर ही मिलावट का अंदेेेशा था। लेकिन एसटीएफ ने छापा मारकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो मिलावटी खून बनाकर बेचता था।जी हां पानी और कैमिकल मिलाकर बनाते थे नकली खून ।
एसटीएफ के मुताबिक, मड़ियांव में यह काला कारोबार काफी लंबे समय से चल रहा था। एसटीएफ ने करीब 15 दिनों तक ब्लड बैंक की रेकी की। सबूत और साक्ष्य जुटाने के बाद एसटीएफ के डिप्टी एसपी अमित नागर के नेतृत्व में देर रात तक छापेमारी जारी रही।
एसटीएफ के मुताबिक आरोपी केमिकल और पानी मिलाकर दो यूनिट से तीन यूनिट खून बनाते थे। यहां बिना किसी मेडिकल डिग्री के कर्मचारी काम कर रहे थे। ब्लड बैंक में किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं थी। गिरफ्तार किए गए सभी युवक इंटर तक पढ़े हैं। एक यूनिट मिलावटी खून के लिए 3500 रुपये वसूलते थे। यह गिरोह मजदूरों और रिक्शाचालकों से 1000-1200 में खून खरीदता था और उसमें केमिकल और पानी मिलाता था।

जानकारी के अनुसार अवैध ब्लड बैंक चलाने वाला यह गिरोह आखिर यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ ही गया ।यूपी एसटीएफ ने 5 लोगो को गिरफ्तार किया है ।जिनमें राशिद अली, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मोहम्मद नसीम, पंकज त्रिपाठी और हनी निगम को गिरफ्तार किया गया है ।गिरोह प्रोफेशनल नशेबाज डोनरो को पैसो का लालच देकर ब्लड निकलता था ।नार्मल सलाइन वाटर मिलाकर एक यूनिट ब्लड से दो यूनिट ब्लड तैयार करता था गिरोह।बिना किसी जांच के तैयार संक्रमण रहित ब्लड 2 से 3 हजार प्रति यूनिट में यह गिरोह लोगो को बेचता था। ।शेखर ब्लड बैंक, ओपी चौधरी मेडिसिन, सहित तमाम जगहों के फर्जी रैपर व दस्तावेज आरोपी इस्तेमाल कर रहे थे। यह ब्लड बैंक घर के भीतर से संचालित हो रहा था और हॉस्पिटल , मेडिकल संस्थानों के बाहर सक्रिय दलाल जरूरत मंद लोगो को फँसाते थे। बड़ी मात्रा में ब्लड, फर्जी दस्तावेज सहित तमाम रैपर, बरामद किये गये हैं।

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