एससी-एसटी के कर्मचारियों को प्रोन्नति में आरक्षण की सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति:केंद्र सरकार को मिली राहत

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के कर्मचारियों की प्रोन्नति में कानून सम्मत आरक्षण देने की अनुमति दे दी है। इससे केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिल गई है, क्योंकि यह मामला पिछले तीन साल से लंबित था। शीर्ष कोर्ट ने प्रोन्नति जारी रखने का आदेश अंतिम फैसला आने तक के लिए दिया है। जस्टिस एके गोयल और जस्टिस अशोक भूषण की अवकाशकालीन पीठ ने स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक केंद्र पर कानून के अनुसार प्रमोशन देने पर कोई रोक नहीं है। शीर्ष अदालत मामले में आगे विचार कर अंतिम आदेश देगी।
पीठ ने मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) मनिंदर सिंह और आरक्षण का विरोध कर रहे प्रतिपक्षी वकील शांति भूषण व कुमार परिमल की दलीलें सुनने के बाद उपरोक्त आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका एक ऐसे ही मामले – जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता के केस के साथ सुनवाई के लिए संलग्न कर दिया है।’
यह व्यवस्था शीर्ष कोर्ट के अंतिम आदेश तक के लिए ही हैं अलग-अलग फैसले
सुनवाई के दौरान एएसजी इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के गत 17 मई के आदेश का हवाला दिया। इसमें कहा गया था कि आरक्षित श्रेणी को आरक्षित श्रेणी में और अनारक्षित श्रेणी को अनारक्षित श्रेणी में तथा मेरिट के भी आधार पर प्रोन्नति दी जा सकती है। इससे पहले एएसजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट समेत दिल्ली, बांबे और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण के मसले पर अलग-अलग फैसले दिए हैं, जिनसे प्रमोशन रुके हुए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा, ‘हम कह रहे हैं, केंद्र कानून के अनुसार पदोन्नति जारी रखे।’
प्रमोशन के द्वार खुले : पासवान
केंद्रीय मंत्री व लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एससी-एसटी समुदाय के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति का द्वार खुल गया है। उन्होंने कहा कि पीएम के प्रयासों से ही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष पेश किया।केंद्र ने दी थी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती 1मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के गत वर्ष अगस्त के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने उस आदेश में प्रोन्नति में आरक्षण देने वाला केंद्र सरकार का 13 अगस्त 1997 का आदेश रद कर दिया था।

-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।