उत्तराखंड नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी बेलुवखान ग्राम सभा के सिमलखेत मल्ला में मां के साथ जंगल को जा रही बच्ची को गुलदार उठा ले गया। वह बच्ची को घसीटकर लगभग 500 मीटर दूर तक ले गया। सूचना के बाद ग्रामीण भी शोरगुल करते हुए जंगल की ओर भागे। शोर सुनकर गुलदार बच्ची को छोड़कर भाग गया। ग्रामीणों को जंगल में बच्ची का शव मिला, जिसके सिर व कमर से नीचे के हिस्से को गुलदार खा चुका था। इसी दौरान वन विभाग की टीम, पुलिस प्रशासन व राजस्व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुचं गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम भी लगाया। डीएफओ डीएस मीणा के आश्वासन पर ग्रामीण माने और जाम खुलवाया।जानकारी के मुताबिक रेखा देवी पत्नी राजेश यहां अपने मायके में भाई गोविंद के साथ सिमलखेत मल्ला में रहती हैं। दोपहर लगभग 2.30 बजे वह अपनी पुत्रियों के साथ जलौनी लकड़ी के लिए जंगल की ओर जा रही थीं। आवास के समीप ही घात लगाकर बैठे गुलदार ने उनकी सबसे छोटी पुत्री जया (7) पर झपट्टा मारा और उसे जबड़े में दबाकर भाग गया। रेखा ने शोर मचाते हुए दरांती के साथ उसका पीछा किया, लेकिन वह नीचे गिर गई। उनके व अन्य पुत्रियों के शोर मचाने के बाद ग्रामीण एकत्र हुए। इसके बाद ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए लाठी-डंडों के साथ गुलदार का पीछा किया। बच्ची के खून के निशानों के साथ वे जंगल की ओर बढ़े। उनके शोर से गुलदार मौके से भाग गया। लगभग 500 मीटर दूर जंगल में ग्रामीणों को बच्ची का शव मिला। इसी दौरान वन विभाग और पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। बच्ची के शव को किसी तरह हाईवे तक लाया गया। जहां ग्राम प्रधान हिमांशु पांडे के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उनकी बार-बार मांग के बावजूद वन विभाग द्वारा उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए जाम भी लगाया। कहा कि विभागीय उपेक्षा से आज बच्ची की जान गई।
-इन्द्रजीत सिंह असवाल,पौड़ी गढ़वाल