बरेली। आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों का दुष्प्रचार या फेक खबरों को शेयर करना भारी पड़ सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण 2022 के चुनावी समर में सोशल मीडिया की भूमिका अहम होने जा रही है। ऐसे में राजनीतिक दलों की जोर आजमाइश के बीच वर्चुअल चुनावी जंग तेज होने की बात भी कही जा रही है। जिसको लेकर पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है। इस पर साइबर सेल और सर्विलांस टीमें नजर गड़ाए हैं। चुनाव का ऐलान होते ही जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव में प्रचार प्रसार पर रोक लग गई है। पार्टी प्रत्याशी दायरे में रहकर अपना काम कर सकेंगे लेकिन उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म के तौर पर नजर आ रहा है। जिसको लेकर सभी प्रत्याशी अब आईटी सेल के जरिए चुनाव के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। उन्होंने अपने लोगों को फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम समेत तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा दिया है। जो पार्टी का प्रचार प्रसार करने के साथ ही उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील कर रहे है। इसके साथ ही इस मंच पर जमकर फर्जी खबरों का भी भंडार अपडेट किया जा रहा है। प्रशासन ऐसे लोगों पर नजर गड़ाए हुए है। बह नहीं चाहता कि शहर का माहौल कुछ खुराफातीयों की वजह से बिगड़ जाए। जिसको लेकर जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को निर्देश दिया है कि पुलिस अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खासा नजर रखी जाए। उनका कहना है कि इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया बेहद अहम है। ऐसे में पुलिस की नजर इस पर भी है। सोशल मीडिया और साइबर सेल की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर कोई गलत वीडियो या खबर पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।।
बरेली से कपिल यादव