बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। फास्टैग ने हाईवे पर रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है कि घंटों तक वाहन लंबे जाम में फंस रहे है। टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े इसके लिए फास्टैग की व्यवस्था की है, लेकिन यह व्यवस्था विपरीत असर डाल रही। दावा किया गया फास्टैग लग जाने से वाहनों को ज्यादा देर टोल पर नहीं रुकना पड़ेगा। टोल पर फास्टैग स्कैन होते ही वाहन रवाना हो जाएगा। लेकिन यह प्रणाली बैंकों की सुस्ती से गति नहीं पकड़ रही है। कुछ बैंकों ने दावा किया था कि फास्टैग तीन मिनट में रिचार्ज हो जाएगा। इसके चलते कई वाहन चालक टोल पर ही रिचार्ज कराना मुनासिब समझते हैं, लेकिन सर्वर में दिक्कत की वजह से आए दिन दिक्कत हो रही है। यही कारण है फतेहगंज पश्चिमी के टोल प्लाजा पर इस समस्या को लेकर आए दिन टोल कर्मियों और वाहन स्वामियों के बीच बहस आम बात हो गई है। आपको बता दें कि 15 फरवरी की रात से वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। दो दिन पहले टोल प्लाजा एक दो लेनों पर नहीं बल्कि चार से पांच लेनों पर जाम लग गया था। इसकी मुख्य वजह फास्टैग उपलब्ध करा रही कंपनियों के अधूरे इंतजाम और वाहन चालकों की जानकारी का आभाव रहा। कुछ वाहनों के फास्टैग रिचार्ज नहीं होने की वजह से ब्लैक लिस्टेड हो गए और वाहन चालक को इसकी जानकारी भी नहीं हुई। दूसरी तरफ तत्काल रिचार्ज करने और फिर सर्वर पर अपडेट न होने के कारण टोल प्लाजा कर्मियों और वाहन स्वामियों में खूब बहस हुई। टोल प्रबंधक श्यामवीर यादव का कहना है अलग-अलग बैंक के फास्टैग होने की वजह से रीचार्ज में अलग-अलग समय लेते हैं। वाहन स्वामियों को लगता है रिचार्ज के तुरंत बाद फास्टैग का विवरण अपलोड हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। प्रतिदिन टोल प्लाजा से दस हजार से अधिक वाहन निकलते है। इसमें करीब पांच से छह फीसदी लोगों को समझाने में कई बार उनके वाहनों के पीछे लाइन लग जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि अब टोल प्जाजा से गुजरने वाले 95 प्रतिशत से अधिक वाहनों में फास्टैग लगा मिलता है।।
बरेली से कपिल यादव