पूर्णिया/बिहार- हम आये दिन सड़को पर वाहन दुर्घटना देखते हैं और सुनते है , इस प्रकार के दुर्घटना में ना जाने कितने लोगों की जान चली जाती और ना जाने कितने लोग जख्मी होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ते दिखते हैं। कितनों की घर उजर जाता हैं। आखिर इस दुर्घटना का जिम्मेदार कौन है । बस ड्राइवर या फिर ऑटो रिक्शा चालक जो अपने वाहन की छमता से अधिक पैसेंजर को बिठा लेते है । ऑटो रिक्शा चालक तो अपनी भी सीट पर कम से कम 4 से 5 पैसेंजर बिठा लेते हैं। और ड्राइवर किसी तरह से ऑटो ड्राइव करते है। ना तो उसके पैर सही से ब्रेक पर रहता है और ना ही गियर पर।
जबकि ड्राइवर सीट पर किसी पैसेंजर को बिठाना गैर कानूनी है , पर कानून की धज्जियां उड़ाते ऑटो रिक्शा चालक ऑटो में सीट से दुगुना पैसेंजर को बिठा कर उनको ठिकाने पर पहुचाते है। और इस तरह की ओवरलोडिंग के कारण ऑटो हो या बस हमेशा दुर्घटना के शिकार होते है। शहर में हर ट्रैफिक पर पुलिस बल और ट्रैफिक पुलिस होने के वावजूद भी ऑटो और बस के मालिक और ड्राइवर को कानून से डर नही है। क्यूंकि जिला ट्रैफिक पुलिस को लोगो के जान माल की कोई चिंता ही नही है। गौर किया जाय तो हर रोज कोई ना कोई छोटी बड़ी गाड़ी दुर्घटना के शिकार होते हैं। जिसमे कुछ की जान चली जाती है तो कुछ लोग घायल होकर अस्पताल में। अगर आलम इसी प्रकार से चलता रहा तो ना जाने और कितनो की जिंदगी खत्म हो जाएगी। समझना होगा और
पूर्णिया जिला पुलिस को इन तरह के मनचले ऑटो रिक्शा चालकों के खिलाफ कड़ी करवाई करनी होगी
ताकि लोग सहज और सुरक्षित यात्रा कर सके।
– शिव शंकर सिंह,पूर्णिया/ बिहार