फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना का कहर रोकने के लिए फेस कवर और सामाजिक दूरी को मुख्य हथियार के रूप में माना जा रहा है। मगर तमाम लोग इसकी अनदेखी करके खुद के अलावा दूसरों को भी संकट में डाल रहे हैं जबकि पूरा देश कोरोना से जंग कर रहा है। ऐसे में इन हथियारों की अनदेखी के चलते कोरोना की जंग से जीतना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। देश ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना का कहर जारी है जबकि हमारे देश ज्यादा सजग देश भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसके लिए सामाजिक दूरी को मुख्य हथियार बनाया गया था। इसके लिए देश में काफी समय तक लॉकडाउन लगाया गया था हालांकि मिनी लॉकडाउन जारी ही है। साथ ही मास्क की अनिवार्यता के लिए कानून भी बनाया जा चुका है। जिसके तहत पुलिस मास्क न पहनने वालों से जुर्माना भी वसूल रही है। इसके अलावा कस्बा फतेहगंज पश्चिमी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिना वजह सड़कों व गलियों में बिना मास्क घूमते नजर आ रहे है। परन्तु गांव के युवा एवं बच्चे अपने खेलने के समय से बैट बॉल और स्टंप ले खेतों में क्रिकेट खेलते नजर आ रहे है। वहीं खेतों में झुंड के झुंड बिना मास्क लगाए बैठकर अपना मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। बेवजह घर से नहीं निकलना हैं। चेहरे पर मास्क लगाना हैं। वही लोगो को इकट्ठा नहीं होना है। फिर भी लापरवाही बस लोग कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण को अनदेखी कर रहे हैं। मगर सब कुछ सरकार ही नहीं कर सकती लोगों को खुद भी बचाव करने होंगे। तमाम लोग सड़कों पर बिना मास्क के देखे जा सकते हैं। जो संक्रमण को सीधा न्योता दे रहे हैं। वहीं दुकानदार भी इसकी अनदेखी कर रहे हैं। यहां तक खाने पीने का सामान बेचने वाले भी फेस खबरें और सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रख रहे हैं। यही नहीं गलियों में घूम कर सामान बेचने वाले लोग भी संक्रमण फैलाने का जरिया बने हुए हैं। हालात ऐसे ही रहे तो कोरोना से जंग जीतना मुश्किल ही हो जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव