बरेली। गर्मियों में कुत्ते और बंदर होकर होते जा रहे हैं। जिले भर में लोगों को कुत्ता और बंदर काटने की घटनाएं ज्यादातर सामने आ रही है। शनिवार की सुबह होते ही जिला अस्पताल में कुत्ता व बंदर काटने के करीब 80 से 100 मरीज एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने को लाइन में लग गए लेकिन सुबह दस बजे तक कोई भी डॉक्टर मरीजों के इलाज को नहीं पहुंचा। लंबी कतार लगने से उन्होंने सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं किया। उनमें कई मरीज मास्क भी नहीं लगाए थे। अस्पताल में रोजाना करीब डेढ़ सौ मरीज रैबीज के इंजेक्शन लगवाने को पहुंचते हैं। केलाबाग की रहने वाली सुनीता सिंह का कहना है कि वह छत पर कपड़े डालने गई थी। इतने में एक बंदर का बच्चा जोर से चीखने लगा। बच्चे की चीख सुनकर तमाम बंदर उन पर झपट पड़े। उनको कई जगह काट लिया। शोर सुनकर परिवार वाले आए तब बंदरों को भगाया। केलाबाग के ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि मोहल्ले में बंदरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि कोई वस्तु हाथ में देखते ही वंदन झपट्टा मारकर छीनने का प्रयास करते हैं विरोध करने पर काट लेते हैं। आईवीआरआई के डॉ पावडे का कहना है कि गर्मी बढ़ने के कारण बंदर व कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं। बंदरों को जब खाने के लिए कुछ नहीं मिलता तो वह लोगों से छीनने का प्रयास करते हैं उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है तो वे लोगों को काटने लगते हैं।।
बरेली से कपिल यादव