ग्राम निधि हजम करने वाले प्रधान नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव

लखनऊ – ग्राम निधि को हजम करने वाले प्रधानों की घेराबंदी पंचायत राज मंत्रालय ने शुरू कर दी है। गांव के विकास की रकम का गबन करने वाले ग्राम प्रधान अगला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। घपलेबाज प्रधानों को चुनाव लड़ने के लिए जिला पंचायत राज विभाग नो-ड्यूज (अदेय) प्रमाण पत्र नहीं देगा। पंचायत राज निदेशक ने डीपीआरओ को एक-एक ग्राम पंचायत के ऑडिट के आदेश दिए हैं। डीपीआरओ ने ऑडिट अधिकारियों से जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।ग्राम पंचायत का कार्यकाल खत्म होने की कगार पर है। इसी साल ग्राम पंचायत का चुनाव होगा। बरेली समेत पूरे प्रदेश में बड़ी तादाद में ग्राम निधि में गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों के जांच लंबित हैं। इतना ही नहीं ऑडिट में गबन सामने आ चुका है। इसके बाद भी ग्राम प्रधानों से वसूली की कार्रवाई नाममात्र की हुई है। पंचायत राज निदेशक किंजल सिंह ने एक-एक ग्राम पंचायत का पूरे कार्यकाल का ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं।केंद्रीय वित्त, राज्य वित्त और परफार्मेंस ग्रांट की रकम के खर्च का ऑडिट अधिकारी मिलान करेंगे। रकम की खर्च के बिल और बाउचर समेत जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने होंगे। एक-एक वर्ष का अलग-अलग ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट में गबन की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव से तुरंत रकम की वसूली कराने को कहा है। वसूली की रकम का जिक्र कैशबुक में भी करना होगा। ग्राम पंचायत का ऑडिट पूरा होने पर ही मौजूदा प्रधान अगला चुनाव लड़ सकेंगे। ऑडिट में एक-एक पैसे का हिसाब देने वाले प्रधान की अगला प्रधानी की चुनाव लड़ सकेंगे।

20 फरवरी तक बनवाने होंगे टॉयलेट
गरीबों के शौचालय बनवाने के लिए पंचायती राज विभाग ने ग्राम प्रधान और सचिव के बैंक खातों में रकम भेजी थी। बड़ी संख्या में गरीबों के शौचालय प्रधान-सचिव ने नहीं बनवाए। कुछ अधूरे छोड़ दिए। जबकि खाते से पूरी रकम निकाल ली। पंचायत राज निदेशक ने शौचालयों का सत्यापन कराने का डेटलाइन तय कर दी है। हर हाल में 20 फरवरी तक प्रधान-सचिव को शौचालयों का निर्माण पूरा करना होगा।सभी ग्राम पंचायतों का वर्षवार ऑडिट कराने के आदेश दिए गए हैं। ऑडिट पूरा कराने वाले प्रधान ही अगला चुनाव लड़ सकेंगे। गड़बड़ी करने वालों को पंचायत राज विभाग अदेय प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा।

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