बरेली/फतेहगंज पश्चिमी – बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन इस पर अभिभावक और पुलिस ध्यान नहीं दे रही है। जबकि पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं। गाँवों से टूटी और गड्डो बाली सड़को से पड़ने के लिए कस्बे में पड़ने के लिए ऑटो से आते है बच्चें यदि इसी तरह की लापरवाही रहिबतो किसी दिन बड़ा हादशा ही सकता है।स्कूली बच्चों को ले जाने वाले ऑटो चालकों द्वारा मनमानी से क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाया जा रहा है। ऑटो की सीटों पर तो बच्चे ज्यादा संख्या में बैठाए ही जाते हैं, ऑटो में पीछे सामान रखने वाली जगह पर भी बच्चों को बैठा दिया जाता है। जिससे बच्चों के गिरने का खतरा भी बना रहता है। यदि पीछे से कोई वाहन हल्की सी टक्कर भी मार दे तो पैरों में गंभीर चोटें आ सकती हैं। यह ओवरलोड ऑटो पुलिस के सामने से गुजरते हैं, लेकिन इनपर कार्रवाई नहीं होती है। हादसा होने के बाद ही पुलिस को कार्रवाई करती है। कई स्कूल वैन सफेद नम्बर प्लेट की और एलपीजी से चलाई जा रही हैं। यह स्कूली बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है। कस्बे में कई जगह अवैध रुप से गैस रिफलिंग का कार्य चल रहा है जो कुछ रुपयों के चक्कर में यह कार्य करते हैं। कस्बे में गैस रिफलिंग होने से आग लगने का भी खतरा बना रहता है।
स्कूली वाहनों की आरटीओ द्वारा भी जांच नहीं की जाती है। जिससे वाहनों की फिटनेस का भी कुछ पता नहीं है। अनफिट वाहन स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं।
नाबालिग दौड़ा रहे ऑटो
अभिभावक भी बच्चों को स्वयं खतरे में डाल रहे हैं और कम उम्र में ही उन्हें बाइक दे दी है, जिससे वह स्कूल जाते हैं। बाइक में अकेले ही नहीं तीन-तीन बच्चे बैठकर स्कूल जा रहे हैं। इस ओर अभिभावक और स्कूल प्रबंधन को भी जागरूक होने की जरूरत है।
– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट